आंध्र प्रदेश के भीमावरम में एक मुस्लिम व्यक्ति को मंदिर के पास एक भीड़ ने पीटा और “जय श्री राम” का नारा लगाने पर मजबूर किया। आरोप है कि उस पर मंदिर पर हमला करने का शक जताया गया था, जिसके बाद डंडों से लैस कुछ लोगों ने उसे घेर लिया, धमकाया और मारा-पीटा।
भीड़ के डर से उसने खुद को बचाने के लिए बार-बार “जय श्री राम” के नारे लगाए। किसी ने पीछे से चिल्लाते हुए कहा, “क्या तुम जय श्री राम हो? भारत का राजा है। अपना नाम बताओ! तुम हिंदू हो या नहीं?” वह व्यक्ति बस खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग महिला भीड़ के साथ उस व्यक्ति को डंडे से मारते हुए दिखाई देती है। भीड़ उसके नाम और धर्म को लेकर सवाल उठा रही थी, और उसकी शक्ल देखकर शक कर रही थी। कुछ लोगों ने कहा कि वह व्यक्ति पिछले दो साल से मंदिर के आसपास रह रहा था।
घटना के दौरान पुलिस पहले से ही मौके पर मौजूद थी, जिससे प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। भीड़ बार-बार उसकी धार्मिक पहचान पर सवाल कर रही थी, और वह व्यक्ति डर के मारे दीवार के सहारे खड़ा होकर लगातार “जय श्री राम” का नारा लगाता रहा, ताकि उसे कोई नुकसान न पहुंचे।
मानवाधिकारों पर हमला
कुछ लोग सड़कों पर रैली निकालते हुए “जय श्री राम” के नारे लगा रहे थे और मुस्लिम व्यक्ति पर हमला कर रहे थे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ऐसी घटनाएं समानता के अधिकार पर हमला हैं, जो भारत में सभी को धर्म के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा देती है। धार्मिक अल्पसंख्यकों पर “जय श्री राम” के नारे लगाने का दबाव डालना उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है।