छतरपुर जिले के अतरार गांव में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें छुआछूत और जातिगत भेदभाव की घटनाएं सामने आई हैं। यहां दलित व्यक्ति के हाथों से प्रसाद लेने और खाने पर सरपंच ने 20 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फरमान जारी कर दिया है। इसके कारण इन परिवारों का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है और उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ आवाज उठाई
यह घटना गांव में तीव्र विवाद का कारण बन गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने सरपंच संतोष तिवारी के फैसले का विरोध करते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) के पास शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि सरपंच के इस फैसले के बाद वे सामाजिक आयोजनों में भी बुलाए नहीं जा रहे हैं, जिससे उनका सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है।
पुलिस द्वारा जांच जारी
ग्रामीणों के विरोध और शिकायत के बाद, पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एसडीओपी बिजावर शशांक जैन मामले की तहकीकात कर रहे हैं और पुलिस आवेदन के आधार पर मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस मामले में छुआछूत और जातिगत भेदभाव की परतें उधड़ने की संभावना है, जिसके कारण जांच को और भी गहराई से किया जा रहा है।