India

शक्तिमान ही बाल गंगाधर है और बाल गंगाधर ही बीजेपी नेता, जिसको साइबर पुलिस ने दबोचा।

Spread the love

गणेश मौर्य | लल्लनपोस्ट डॉट कॉम

अंबेडकर नगर शक्तिमान ही बाल गंगाधर है और बाल गंगाधर ही शक्तिमान और राज मल्होत्रा ही मनोज गुप्ता लोगों के मन से साइबर पुलिस ने सस्पेंस को दूर कर दिया।शक्तिमान धारावाहिक का ज़िक्र इस लिए कर रहा हूं क्योंकि राजमहोत्रा का रोल भाजपा नेता शक्तिमान के रूप में कर रहे थे। शक्तिमान धारावाहिक 13 सितंबर, 1997 को (दूरदर्शन) पर शुरू हुआ था। इस धारावाहिक की काफी लोकप्रियता थी। फिर फेसबुक प्लेटफार्म पर 2019 में मनोज गुप्ता भाजपा नेता द्वारा राज मल्होत्रा के नाम पर शक्तिमान और बाल गंगाधर का रोल किया गया लेकिन धारावाहिक फ्लॉप हो गई।

भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं को राज मल्होत्रा के सारे पोस्ट को देखना चाहिए और फैसला करना चाहिए कि ऐसे लोग पार्टी के लिए कितने घातक हो सकते हैं।साइबर क्राइम करने वाला कोई सड़क छाप ऐरा गैरा नहीं ये तो कमल छाप का मनोज गुप्ता निकला,जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार ताल ठोक कर महिला सम्मान की बातें करती है,तो वही दूसरी तरफ भाजपा के तथाकथित नेता मनोज गुप्ता का असली चेहरा सामने आया धाकड़ के सड़क कांड के बाद इस बीजेपी नेता ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गंदगी मचाई साइबर पुलिस की धर पकड़ के बाद क्षेत्र और वैश्य समाज में भी चर्चा का विषय बना हुआ है की एक नेता इतनी गिरी हुई हरकत कैसे कर सकते है कई भाजपा नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी की जो भी है दुर्भाग्यपूर्ण है इसमें पार्टी से कोई लेना देना नहीं।
साइबर क्राइम के जुर्म में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सरिता गुप्ता के पति मनोज गुप्ता को साइबर पुलिस ने धर दबोचा।

राज मल्होत्रा के नाम की फर्जी आईडी के इस्तेमाल से मनोज गुप्ता ने पत्रकार की
मां के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करना भारी पड़ गया। राज मल्होत्रा फर्जी आईडी का इस्तेमाल लगभग सात वर्षों से लगातार कर रहे थे। जिसमें गलत तरीके की कई पोस्ट भी डाले गए हैं।पत्रकार ने इसकी शिकायत पुलिस कप्तान से की कप्तान के आदेश के बाद जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने खोजबीन शुरू कर दी बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस मनोज गुप्ता के गिरेबान तक पहुंची।डिजिटल सबूतों के आधार पर पुलिस ने जब साइबर थाने में कड़ी पूछताछ की तो, नेता अपने बचाव में किसी और पर ये आरोप लगा रहे थे। साइबर पुलिस ने जब डिजिटल सबूतों को बताना शुरू किया फिर नेताजी ने अपना जुर्म भी कबूल किया।

पुलिस की माने तो सतिरने तरीके से मनोज गुप्ता ने राज मल्होत्रा के नाम की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहे थे, जिस आईडी का इस्तेमाल कर रहे थे,वो किसी मुस्लिम लड़की के नंबर का गलत इस्तेमाल भी हो रहा था। जो लोकेशन गोंडा बलरामपुर का बताया गया। साइबर पुलिस ने उनके घर पर लगे हुए,(इंटरनेटराउटर )से इनको दबोच लिया। सूत्रों ने बताया की मामले को मैनेज करने की बात कर रहे हैं लेकिन डिजिटल सबूत को छुपाया नहीं जा सकता।

Related Posts

आधार पंजीकरण के आंकड़ों पर केंद्रित राजनीति से बचें, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए – IDRF

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आधार कार्ड पंजीकरण को लेकर जो आंकड़े सामने लाए

1 of 28

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *