नई दिल्ली: देश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था NCERT द्वारा स्कूल की किताबों में किए जा रहे बदलावों को लेकर मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (MSO) ने गंभीर आपत्ति जताई है। संगठन का कहना है कि ये बदलाव सिर्फ अकादमिक सुधार के नाम पर नहीं, बल्कि शिक्षा को सांप्रदायिक रंग देने की खतरनाक कोशिश है।
MSO के कैंपस सचिव मुहम्मद यूसुफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इतिहास के साथ हो रही छेड़छाड़ से भारतीय शिक्षा प्रणाली की निष्पक्षता और वैज्ञानिक सोच पर गहरी चोट पहुंच रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुग़लों के योगदान, मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियाँ और गांधी जी की हत्या में दक्षिणपंथ की भूमिका जैसी अहम बातों को या तो पूरी तरह हटा दिया गया है या फिर गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।
यूसुफ ने कहा, “शिक्षा का मकसद सच्चाई की रोशनी फैलाना होता है, न कि अंधविश्वास और नफरत का ज़हर भरना।”
MSO ने अपनी तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
- NCERT द्वारा किए गए सभी बदलावों को सार्वजनिक किया जाए।
- स्वतंत्र इतिहासकारों और शिक्षाविदों की एक समिति बनाकर इन बदलावों की निष्पक्ष समीक्षा कराई जाए।
- सांप्रदायिक, झूठे और पक्षपातपूर्ण कंटेंट को तुरंत किताबों से हटाया जाए।
MSO का कहना है कि अगर शिक्षा को इस तरह से वैचारिक हथियार बनाया गया, तो आने वाली पीढ़ियां नफरत और भ्रम के माहौल में पलेंगी, जो देश के लिए बेहद नुकसानदायक होगा।