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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति और रजिस्ट्रार ने लाल क़िले विस्फोट की कड़ी निंदा की, इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला बताया।

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ़ और रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने 10 नवंबर 2025 को लाल क़िले के पास हुए कार विस्फोट की तीखी निंदा की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना को “निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाला, राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती देने वाला और आतंकवाद का नृशंस कृत्य” करार दिया।

कुलपति प्रो. आसिफ़ ने कहा कि यह घटना पूरे देश को झकझोर देने वाली है और ऐसे हमले हमारी सभ्यता के उन मूल्यों, शांति, सद्भाव और एकता, के खिलाफ हैं जिन्हें भारत सदियों से संजोता आया है। उन्होंने कहा, “भारत ने प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग तक शांति और सह-अस्तित्व का संदेश दुनिया को दिया है। आज भी हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इन मूल्यों को वैश्विक स्तर पर प्रसारित कर रहे हैं। इस कठिन समय में जामिया भारत सरकार के साथ ‘आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टोलरेंस’ की नीति पर दृढ़ता से खड़ा है।”

प्रो. आसिफ़ ने विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद के ऐसे कृत्य राष्ट्र सेवा के प्रति हमारे संकल्प को और मज़बूत करेंगे, खासकर उस दौर में जब दुनिया भारत को अहिंसा और शांति के प्रतीक के रूप में देख रही है।

रजिस्ट्रार प्रो. रिज़वी ने इस हमले को देश की मूल आत्मा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रहार बताया। उन्होंने कहा, “यह अमानवीय और अत्यंत दुखद घटना हर भारतीय की सुरक्षा को खतरे में डालती है। ऐसे समय में जब भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी जी युवाओं की क्षमता को बढ़ाने, शिक्षा संस्थानों के उन्नयन और मानव संसाधन को सशक्त करने में लगे हैं, ऐसे हिंसक कृत्य बेहद पीड़ादायक हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि हिंसा का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है और जामिया मिल्लिया इस्लामिया शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। “ऐसी चुनौतियाँ हमें और मजबूत बनाएंगी और देश विकास व प्रगति के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ता रहेगा,” प्रो. रिज़वी ने कहा।

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