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दरगाह आला हजरत की ओर से गिरी महाराज के ख़िलाफ़ कोतवाली पर जोरदार प्रदर्शन।

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नबी की शान में गुस्ताखी को लेकर जमात रजा-ए-मुस्तफा का प्रतिनिधिमंडल सीओ फर्स्ट से मिला और मुकदमा लिखने की मांग की ।।

दरगाह आला हजरत की ओर से जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां के निर्देश पर, जमात रज़ा का एक प्रतिनिधिमंडल पीआरओ मोईन खान और जमात रजा के पूर्व मीडिया प्रभारी समरान खान के नेतृत्व में और उलमा-ए-इकराम की मौजूदगी में थाना कोतवाली पहुंचा। वहां उन्होंने सीओ फर्स्ट से मुलाकात कर नासिक के गिरी महाराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की, जिन्होंने नबी की शान में गुस्ताखी की थी।

मौलाना राहत ने बताया कि नासिक के सिन्नर तहसील के मौजे पांचाले में हरिनाम सप्ताह के दौरान गिरी महाराज ने लाइव उपदेश के दौरान हमारे नबी की शान में गुस्ताखी की है, जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीआरओ मोईन खान ने गिरी महाराज की इस हरकत की कड़ी निंदा की और उनके लिए फांसी की मांग की। जमात रजा के पूर्व मीडिया प्रभारी समरान खान ने कहा कि मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन नबी की शान में गुस्ताखी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि उन्हें जेल भेजा जाए। ऐसे लोग खुलेआम घूम रहे हैं और देश का माहौल खराब कर रहे हैं।

मुफ्ती जाहिद ने कहा कि ऐसे लोग सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी पाने के लिए नीच हरकतें करके हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा कर रहे हैं। जमात रजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। मुख्यमंत्री का कर्तव्य है कि वह अपने प्रदेश में सभी धर्म और जाति के लोगों को एक साथ लेकर चलें। वह स्वयं उस कार्यक्रम में मौजूद थे, जहां खुलेआम नबी की शान में गुस्ताखी हो रही थी और उन्होंने गिरी महाराज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

सीओ फर्स्ट ने आश्वासन दिया कि उच्च अधिकारियों से बात करके मुकदमा जल्द से जल्द दर्ज कराया जाएगा। अगर पुलिस प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो बरेलवी उलमाओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। गिरी महाराज की इस हरकत से हिंदुस्तान के सभी मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

प्रतिनिधिमंडल में मोईन खान, समरान खान, अब्दुल्लाह रज़ा खां, शैबबुद्दीन रजवी, अधिवक्ता जुबेर, नूर जहां, रिटायर्ड जेलर सैयद रफत अली, मुफ्ती ज़ैद मरकज़ी, मुफ्ती मौहम्मद आज़म, मुफ्ती तौहीद, मुफ्ती रहबर, मुफ्ती तौसीफ, मौलाना अज़ीज़, मौलाना आरिफ़, मौलाना अफताब, मौलाना मुजाहिद, मौलाना जुबैर, हाफिज जावेद, हाफिज इश्तियाक, बिलाल घोसी, मुस्तकीम, इरफान, अदनान रज़ा ज़ुबैर नबी, आरिफ़ नूरी आदि शामिल थे।

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