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बरेली: दूसरे समुदाय को मकान बेचने पर विवाद, पलायन की चेतावनी के साथ हिन्दुओं ने लगाए पोस्टर।

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बरेली, उत्तर प्रदेश: शहर के किला थाना क्षेत्र के पंजाबपुरा मोहल्ले में एक युवक द्वारा दूसरे समुदाय के व्यक्ति को मकान बेचने के मामले ने गंभीर विवाद का रूप ले लिया है। सोमवार को स्थानीय निवासियों ने इस सौदे के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि अगर सौदा रद्द नहीं हुआ, तो वे मोहल्ला छोड़ने को मजबूर होंगे। प्रदर्शनकारियों ने अपने घरों के बाहर पलायन के पोस्टर भी चस्पा कर दिए हैं।

मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
इस घटना ने मोहल्ले में तनाव पैदा कर दिया है, जहां एक ही समुदाय के लोगों की घनी आबादी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस सौदे से क्षेत्र में सांप्रदायिक संतुलन बिगड़ सकता है। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने नारेबाजी की और प्रशासन से मांग की कि यह सौदा रद्द किया जाए। पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास कर रही है।

हिन्दुओं ने लगाए पलायन के पोस्टर
शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित बिहारीपुर खत्रियांन, जो कि एक हिंदू बहुल इलाका है, वहां भी इसी प्रकार का मामला सामने आया है। यहाँ के एक निवासी ने अपने मकान का आधा हिस्सा आला हजरत परिवार के सलमान मियां को 95 लाख रुपये में बेचने का एग्रीमेंट किया है। इस पर मोहल्ले के हिंदू निवासियों ने विरोध जताते हुए डीएम और रजिस्ट्रार से इस सौदे को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे इलाके से पलायन कर जाएंगे। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

प्रशासन हुआ सतर्क
पलायन की खबर ने प्रशासन में सनसनी फैला दी है। योगी आदित्यनाथ के शासन में कैराना जैसी स्थिति उत्पन्न न हो जाए, इस डर से प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कोतवाली पुलिस, सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट को मौके पर भेजा है। डीएम शिवाकांत दिवेदी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जिसे सीओ सिटी प्रथम और सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है।

मकान मालिक का बयान
मकान मालिक के भाई महेश ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि दोनों भाइयों के बीच प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बीच, उनके भाई ने मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति से मनमुताबिक कीमत पर मकान का एग्रीमेंट कर लिया। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया है ताकि दरगाह के आसपास मुस्लिम आबादी को बढ़ाया जा सके। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

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