उत्तराखंड के मदरसा छात्रों और प्रबंधन के लिए एक ऐतिहासिक कानूनी जीत हासिल हुई है। हाई कोर्ट ने 9 मदरसों का ताला खोलने का महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। यह सफलता सितारंगज, किच्छा, खटीमा, जसपुर और काशीपुर के वकीलों की ओर से मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (MSO ऑफ इंडिया) की ओर से लड़ी गई दृढ़ कानूनी लड़ाई का परिणाम है। इस निर्णय से लंबे समय से बंद पड़े इन शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों को फिर से खोलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे सैकड़ों छात्रों की शिक्षा और समुदाय की धार्मिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
इस कानूनी लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाने वाले मौलाना आरिफुल कादरी, जो MSO ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष हैं, ने कहा, “यह मदरसा छात्रों के अधिकारों और शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं और आश्वस्त करते हैं कि बाकी बंद पड़े मदरसों के ताले भी जल्द से जल्द खुलवाने के लिए हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
MSO ऑफ इंडिया की ओर से यह भी घोषणा की गई है कि आने वाले दिनों में बंद मदरसों को खोलने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। यह प्रयास न केवल शिक्षा को पुनर्जनन करने का माध्यम बनेगा, बल्कि समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए भी एक मजबूत संदेश देगा।