शाहीन बाग आंदोलन की प्रमुख चेहरा रहीं बिलकीस बानो, जिन्हें ‘शाहीन बाग की दादी‘ के नाम से जाना जाता है, को दुनिया के सबसे प्रभावशाली 500 मुस्लिमों की सूची में शामिल किया गया है। यह सूची हर साल The Muslim 500 नामक प्रतिष्ठित प्रकाशन द्वारा जारी की जाती है, जिसमें दुनियाभर के उन मुस्लिम हस्तियों को शामिल किया जाता है जिन्होंने समाज, राजनीति, धर्म, और मानवाधिकारों के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बिलकीस बानो (Bilkis Bano Dadi) ने 2019-2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से भारत के संविधान और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए किया गया था, जिसमें महिलाएं विशेष रूप से आगे रहीं। 82 वर्षीय बिलकीस बानो, जो उस समय आंदोलन के दौरान प्रतिदिन धरने पर बैठती थीं, जल्द ही आंदोलन की प्रतीक बन गईं। उनका संघर्ष और साहस न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना।
विश्व स्तर पर पहचान
शाहीन बाग आंदोलन और उसमें बिलकीस दादी की भूमिका ने वैश्विक मीडिया का ध्यान आकर्षित किया। TIME पत्रिका ने उन्हें 2020 में दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में भी शामिल किया था। अब, मुस्लिम समुदाय के लिए एक विशेष पहचान मानी जाने वाली The Muslim 500 की सूची में उनका नाम आना, एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
शांति और एकता का प्रतीक
बिलकीस बानो दादी का आंदोलन किसी एक धर्म या समुदाय के लिए नहीं था, बल्कि यह सभी भारतीयों के लिए था। वह संविधान और देश की विविधता की रक्षा के लिए खड़ी हुईं। उनका संदेश सरल था: शांति और भाईचारे के साथ अधिकारों के लिए संघर्ष करना।
बिलकीस बानो दादी का The Muslim 500 में शामिल होना उनके योगदान को एक वैश्विक मान्यता देता है और यह दर्शाता है कि कैसे एक साधारण महिला अपनी निडरता और दृढ़ संकल्प के माध्यम से एक बड़ा बदलाव ला सकती है। उनके संघर्ष ने भारतीय समाज में एक नई जागरूकता और एकता की भावना जगाई है, और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी।