बेंगलुरु: केंद्रीय, राज्य और सैन्य खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के एक वरिष्ठ इंजीनियर को पाकिस्तानी एजेंटों को संवेदनशील रक्षा जानकारी बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने इसके बदले क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल मुद्रा) में भुगतान प्राप्त किया।
कौन है आरोपी?
आरोपी दीप राज चंद्रा (Deep Raj Chandra) बीईएल के उत्पाद विकास और नवाचार केंद्र में कार्यरत था। बीईएल रक्षा मंत्रालय के तहत एक नवरत्न PSU है, जो सेना और एयरोस्पेस के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती है। जांचकर्ताओं को शक है कि चंद्रा ने संचार प्रणालियों, रडार तकनीक, उत्पादन प्रक्रियाओं और बीईएल की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े गोपनीय दस्तावेज़ पाकिस्तान को भेजे।
कैसे पकड़ा गया?
सैन्य खुफिया विभाग ने पहले चंद्रा की गतिविधियों पर संदेह जताया। इसके बाद कर्नाटक पुलिस और खुफिया टीमों ने उस पर नज़र रखी। पता चला कि वह व्हाट्सऐप, टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स और ईमेल के ज़रिए जानकारी लीक कर रहा था। उसके क्रिप्टोकरेंसी खाते में पैसे आने के सबूत भी मिले। जांच में उसके लैपटॉप और मोबाइल से महत्वपूर्ण डेटा बरामद हुआ है।
तीन साल से जासूसी का शक
चंद्रा (Deep Raj Chandra) जो मूल रूप से गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है, पिछले कुछ वर्षों से बेंगलुरु के मथिकेरे इलाके में रह रहा था। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, वह लगभग तीन साल से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था और इंटरनेट कॉल्स के ज़रिए उनसे बात करता था। उसने गोपनीयता बनाए रखने के लिए एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा?
अधिकारी अब यह पता लगा रहे हैं कि लीक हुई जानकारी से रक्षा तंत्र को कितना नुकसान हुआ है। इस मामले में और जांच जारी है, और डिजिटल सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। आगे की कार्रवाई जांच के नतीजों पर निर्भर करेगी।