उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फर्रुखाबाद जिले में कथित अवैध मदरसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन द्वारा 120 मदरसों का निरीक्षण किए जाने के बाद 46 को तत्काल बंद कर दिया गया है। जिलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी के अनुसार, जिले में करीब आधे से अधिक मदरसे कथित अवैध पाए गए हैं। इनमें से 42 मदरसों को अवैध घोषित करते हुए उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है, जबकि शेष की जांच जारी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अवैध संचालित मदरसों में सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग और छात्रवृत्ति की गड़बड़ियों को लेकर गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के रजिस्ट्रेशन, सरकारी लाभों का वितरण, और संस्थानों को मिली धनराशि की वसूली जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।”
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में केवल 74 मदरसों को ही मान्यता प्राप्त है, जहां बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि, इन पर भी नियमों के अनुपालन को लेकर निगरानी बरती जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बंद किए गए 42 मदरसों से जुड़े फंड की रिकवरी की कार्रवाई शुरू हो सकती है।
इस कदम से स्थानीय अभिभावकों में चिंता की लहर है। कई माता-पिता का कहना है कि मदरसों के बंद होने से बच्चों का तुरंत सरकारी स्कूलों में दाखिला मुश्किल होगा। एक अभिभावक ने कहा, “बच्चे दिनभर घर या गलियों में समय बर्बाद करेंगे। इससे उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।” प्रशासन ने इन चिंताओं के बीच अवैध संस्थानों पर अंकुश लगाने और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने का संकल्प दोहराया है।