बाराबंकी, उत्तर प्रदेश, 13 अक्टूबर: मूर्ति विसर्जन समारोह के दौरान, सांप्रदायिक समूहों ने रौजा मस्जिद को निशाना बनाया। ये समूह जानबूझकर मस्जिद के पास खड़े होकर आपत्तिजनक भाषा में पॉप गाने बजा रहे थे। उन्होंने मुस्लिम समुदाय की आस्था का अपमान करने के लिए मस्जिद पर चप्पल, जूते और रंग फेंके।
वायरल वीडियो में रौजा मस्जिद के हरे गेट के सामने भगवा झंडा लहराते हुए लोगों को देखा जा सकता है। एक स्थानीय मुस्लिम निवासी ने मस्जिद के अंदर फेंके गए चप्पल और जूते दिखाते हुए कहा, “ये वे चप्पल हैं जो उन्होंने मस्जिद के अंदर फेंके हैं।” इस घटना के दौरान कुछ लोग डीजे पर नाच रहे थे, और भीड़ हिंदुत्व के नारे और सांप्रदायिक गालियों के साथ जयकार कर रही थी, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय को परेशान और अपमानित करना था।
शिकायत दर्ज, कार्रवाई नहीं
इस सांप्रदायिक घटना को लेकर स्थानीय निवासी मोहम्मद रफीक ने सिलौरीगुसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में आलोक मौर्य और अभिषेक चौहान का नाम लिया गया, जो ‘वर्मा साउंड सर्विस’ के वाहन पर सवार थे और मस्जिद पर जूते-चप्पल और रंग फेंक रहे थे। रफीक ने बताया कि मस्जिद के गुंबद पर बीयर के डिब्बे भी फेंके गए और भीड़ आपत्तिजनक गानों पर नाच रही थी। उन्होंने पुलिस से इलाके में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
नफरत का यह कोई पहला मामला नहीं
बाराबंकी में मुस्लिम समुदाय की प्रगति के बावजूद, यह सांप्रदायिक तत्वों के निशाने पर है। तीन साल पहले राम सनेही घाट तहसील में गरीब-नवाज मस्जिद को बिना किसी कानूनी आदेश के ध्वस्त कर दिया गया था, जिसमें अदालत के आदेश की अवहेलना की गई थी।
रौजा मस्जिद पर हुए हमले से स्थानीय मुस्लिम समुदाय अपने संवैधानिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंतित है। उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में वाराणसी में भी धार्मिक नारेबाजी और पथराव की घटनाएं हुई थीं, जिनमें कई लोग घायल हुए थे।
इसके साथ ही, कर्नाटक के कलबुर्गी में 9 अक्टूबर को हजरत सैयद पीर दरगाह में तोड़फोड़ की गई, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है और वे सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।