Opinion

भारतीय मुसलमानों को बहुत बड़े समाज सुधार आंदोलन की ज़रूरत है।

Spread the love

भारत के विपक्षी दलों ने इतना ब्रेन वॉश कर रखा है कि सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो गई है। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनैतिक पिछड़ापन अपने चरम पर है और इसके असल दोषी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हैं।

वर्तमान में मुसलमानों के हालात के ज़िम्मेदार विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता, मुस्लिम धर्मगुरु, बुद्धिजीवी, मुस्लिम एलीट, पीर, सरकारी मुसलमान ये सब लोग हैं। क़ौम की सही कयादत ही नहीं की है। आज अलमिया ये है कि देश में कोई भी कांग्रेस को बुरा कहे तो सबसे पहले बुरा मुसलमानों को लगता है, दिफा और हिमायत में कूद पड़ते हैं।

आज अलमिया ये है कि सोशल मीडिया पर मुस्लिम यूथ सबसे ज़्यादा अपना वक़्त बर्बाद करके सपा, कांग्रेस, राजद, लेफ़्ट और तृणमूल का दिफा और हिमायत में मशगूल है। आज अलमिया ये है कि भाजपा को हराकर ही मुसलमान ख़ुश हो लेता है।

कोई टोपी लगा ले इफ़्तार कर ले इतने में ही ख़ुश हो जाते हैं। आज हालात ये हैं कि कोई यूट्यूबर मोदी, भाजपा और संघ को बुरा कह दें तो उसे मिलियन में व्यूज़ देकर स्टार बना देते हैं। आज कोई नेता ज़रा सा भाजपा को बुरा कह दे उसे अपना मसीहा बना लेते हैं। पूरी दुनिया पढ़ लिख रही है आगे बढ़ रही हैं प्रतिनिधित्व ले रही है। सशक्तिकरण में संलग्न है।

जो समझाने का प्रयास करे उससे गाली गलौज उसे दलाल एजेंट न जाने किस किस अलक़ाब से नवाज़ देते हैं।

बहुत पहले अल्लामा इक़बाल ने कहा था-

“न सुधरोगे तो मिट जाओगे,

ऐ! हिन्दी मुसलमानों!

तुम्हारी दास्ताँ तक न रहेगी,

दास्तानों में!!”

इमरान शकील खान एक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं। उन्होंने देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की है। आप उनसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (एक्स) पर जुड़ सकते हैं। @Imran_Shakeel_

Related Posts

दिल्ली चुनाव: फासीवाद रोकने और इस्लामोफोबिया व राज्य के अत्याचार को वोट से जवाब देने का मौका

दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अब थम चुकी हैं और 5 फरवरी, बुधवार को मतदान

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *