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जामिया मिल्लिया इस्लामिया की टीम ने ‘चेकमेट 2025’ राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्मृति पुरस्कार प्राप्त किया

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नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विधि संकाय की टीम ने आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, मोहाली द्वारा आयोजित “चेकमेट 2025” राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के 14वें संस्करण में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्मृति पुरस्कार प्राप्त किया है। ओम गुप्ता, मैत्रेयी मिश्रा और तन्वी की टीम ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दीपा सिंह और गौतम दत्त की उपस्थिति में माननीय न्यायमूर्ति आर.के. गर्ग द्वारा रु. 9,000/- के चेक सहित ट्रॉफी से सम्मानित हुई।

प्रतियोगिता, जो 14-15 फरवरी 2025 को आयोजित एक दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में हुई, में देशभर की कई टीमों ने भाग लिया। स्मृति मूल्यांकन दौर में शीर्ष 16 टीमों ने मौखिक दौर के लिए अर्हता प्राप्त की। इस वर्ष के मूट कोर्ट मामले में आपराधिक कानून और प्रौद्योगिकी के आपसी संबंधों पर आधारित प्रश्न उठाए गए, जिनका आधार नव-अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के प्रावधान थे।

विधि संकाय के डीन, प्रो. गुलाम यजदानी ने टीम के सदस्यों की कड़ी मेहनत, समर्पण और कानूनी कौशल की सराहना करते हुए कहा, “यह उपलब्धि विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। मैं टीम को इस शानदार उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देता हूं और भविष्य में भी उनके मूट कोर्ट प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।”

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