उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नेपाल सीमा से सटे महाराजगंज जिले में अवैध निर्माण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार (12 मई) को एक मजार और ईदगाह की बाउंड्री को गिरा दिया। प्रशासन का दावा है कि ये संरचनाएं ग्रामसभा की ज़मीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई थीं।
सोमवार को हुई कार्रवाई के ब्यौरे
जिले के नौतनवा तहसील क्षेत्र के खोरिया बाजार में स्थित एक मजार को प्रशासन ने जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, ज़मीन की पैमाइश के बाद पुष्टि हुई कि मजार ग्रामसभा की संपत्ति पर बनी थी। इसके बाद एसडीएम और सीओ की निगरानी में पुलिस बल की मौजूदगी में इसे गिराया गया। इसी दिन, निचलौल तहसील के रामनगर गांव में एक ईदगाह की परिसर बाउंड्री भी ढहाई गई। प्रशासन का आरोप है कि सरकारी ज़मीन (गाटा संख्या 296) पर अवैध रूप से ऊंची दीवार खड़ी करके उस पर कब्जा किया गया था।
350 से अधिक स्थलों पर चला बुलडोजर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल बॉर्डर के समीप के जिलों में पिछले कुछ दिनों से मस्जिद, मदरसे और मजारों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई जारी है। अब तक 350 से ज्यादा ऐसी संरचनाएं गिराई जा चुकी हैं, जिनमें 29 मदरसे और पांच मजार शामिल हैं। केवल शनिवार और रविवार को ही 100 से अधिक स्थानों पर बुलडोजर चलाया गया। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी रहेगा।
प्रतिरोध के प्रयास नाकाम
कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन की कोशिश की, लेकिन पुलिस की कड़ी तैनाती के चलते स्थिति नियंत्रण में रही। अधिकारियों का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही सरकारी ज़मीन को अतिक्रमणमुक्त कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी दोहराया कि किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ यह कार्रवाई नहीं, बल्कि अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान है।
इस मामले में प्रशासन की कार्यशैली पर विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं, जबकि सरकार इसे कानून व्यवस्था और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा का मुद्दा बता रही है।