नई दिल्ली: मुंबई के नागपाड़ा में सोनापुर कब्रिस्तान में एक मुस्लिम परिवार के अवैध निर्माण घर को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर बीएमसी द्वारा गिराए जाने पर कुछ कट्टरवादी लोग संस्थान ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा के अध्यक्ष मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफ (मोइन मियां) को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है, और कह रहे हैं कि ये काम मोइन मियां ने कराया है जबकी इसमे हजरत मोईन मियां का कोई हाथ नहीं है. मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया, मोइन मियां को बदनाम करने वालों पर मुंबई पुलिस से गुजारिश करती है कि उनपर सख्त कार्यवायी करे।
एमएसओ अध्यक्ष मुदस्सिर अशरफी ने कहा कि घर को तोड़ने में किसी का कोई हाथ नहीं है. बल्कि ये बीएमसी और हाई कोर्ट का आदेश था. क्योंकि इन लोगों ने कब्रिस्तान की जमीन पर घर बना लिया था. जो अवैध था, इसीलिए ये तोड़फोड़ की गई है और ऐसा इस लिए किया गया क्योंकि अवैध कब्जे के कारण वहां मृतकों को दफनाने की जगह नहीं थी. लोगों को काफी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने अवैध रूप से बने मकान को तोड़ने का आदेश दिया. इस मामले में हजरत मोईन पर आरोप लगाना और उन्हें बदनाम करना सिर्फ एक साजिश है.
उन्होंने कहा कि मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफ (मोइन मियां) एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं, वह न केवल मुंबई में बल्कि पूरे देश में एक मशहूर शख्सियत हैं, वह पूरे देश में मुसलमानों के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक कयादत करते हैं। जहां भी मुसलमानों को परेशानी होती है, हजरत खड़े नजर आते हैं. आज जो लोग हजरत मोईन मियां को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं, वे कभी सफल नहीं होंगे.