खंडवा जिले के मोघट थाना क्षेत्र के ग्राम टिटगांव में 15 अगस्त 2024 को सांप्रदायिक तनाव का मामला सामने आया है। एपीसीआर (APCR) खंडवा यूनिट के सदस्यों ने 16 अगस्त 2024 को पीड़ित परिवारों और वहां से आई महिलाओं से मुलाकात की, जिससे इस विवाद की असल स्थिति का पता चला।
पीड़ित परिवारों के अनुसार, 15 अगस्त की सुबह लगभग 8:30 बजे, नदीम उर्फ गोलू अपने एक साथी के साथ झंडा वंदन के कार्यक्रम में शामिल होने गया था। इस दौरान, कुछ युवकों ने नदीम और उसके साथी के साथ विवाद कर मारपीट की। जब नदीम के पिता ने हस्तक्षेप किया, तो उनके साथ भी मारपीट की गई। इस घटना के बाद विवाद और बढ़ गया, जिससे गांव में हिंसा फैल गई।
घटना के समय पंचायत भवन पर लगे कैमरों में से केवल एक की रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई गई, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को हिंसा करते हुए दिखाया जा रहा है। इस विवाद में तीन मुस्लिम और एक गैर-मुस्लिम घायल हुए हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है।
घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष पर तीन एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से एक एफआईआर नदीम पर पास्को एक्ट, एससी/एसटी एक्ट और छेड़छाड़ की धाराओं के तहत दर्ज की गई है। दूसरी एफआईआर में मारपीट की गंभीर धाराएं शामिल हैं, जबकि तीसरी एफआईआर बलवा और हिंदू पक्ष के घरों पर हमले को लेकर दर्ज की गई है। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष की ओर से अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
इसके अलावा, 12 से अधिक मुस्लिम परिवारों को पंचायत द्वारा मकान अतिक्रमण का नोटिस भी जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इस गांव में पहले भी, 26 जनवरी को धार्मिक झंडे के अपमान का आरोप लगाकर विवाद किया गया था, और अब 15 अगस्त को छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाकर यह विवाद खड़ा किया गया है।
ग्राम टिटगांव में हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक अनीस अरझरे की सक्रियता से तनाव बढ़ा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वह बार-बार गांव में जाकर उकसाने वाले बयान देते हैं और हिंसा को भड़काते हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार की भी अपील की है, जिससे गांव में भय का माहौल बना हुआ है।
गांव की महिलाओं ने बताया कि अब भी गांव में डर का माहौल है। यहां तक कि दूध और सब्जी बेचने वालों को भी धमकाया जा रहा है कि अगर वे मुस्लिम परिवारों को सामान बेचेंगे तो उन्हें व्यापार नहीं करने दिया जाएगा। गांव में कोई भी मुस्लिम पुरुष नहीं मिला, क्योंकि वे पुलिस के भय से छिपे हुए हैं।
एपीसीआर खंडवा यूनिट ने इस मामले की फैक्ट फाइंडिंग के दौरान पाया कि पुलिस ने जल्दबाजी में एकतरफा कार्रवाई की है। इस एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ एपीसीआर खंडवा यूनिट ने श्रीमान आईजी महोदय और डीआईजी महोदय को एक पत्र सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। इसके साथ ही, पीड़ितों को न्यायिक सहायता प्रदान करने की अपील की गई है।