JNU Election Result 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुए छात्र संघ चुनावों में इस बार लेफ्ट गठबंधन ने चारों बड़े पद जीत लिए। बीजेपी से जुड़ी छात्र इकाई ABVP को हार का सामना करना पड़ा। अध्यक्ष बनीं अदिति मिश्रा (Aditi Mishra), उपाध्यक्ष के. गोपिका बाबू (K. Gopika Babu), महासचिव सुनील यादव (Sunil Yadav) और संयुक्त सचिव बनीं दानिश अली (Danish Ali)।
दानिश अली के अलावा दो मुस्लिम छात्र, हिजाब पहनने वाली हफ़सा बुखारी (Hafsha Bukhari JNU) और बिहार के दृष्टिहीन छात्र मोहम्मद असलम (Mohammad Aslam JNU) ने भी काउंसलर पद जीतकर सबका ध्यान खींचा। इनकी जीत को समानता और न्याय की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
दानिश अली, एमपी के नरसिंहपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता रिटायर्ड टीचर और माँ सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से इतिहास की पढ़ाई की है। दानिश अली ने कहा, “यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, हर उस छात्र की है जो न्याय और बराबरी में विश्वास रखता है।”
जम्मू-कश्मीर के पुंछ की हफ़सा बुखारी (Hafsha Bukhari) ने भी इतिहास रचा है। हिजाब पहनने वाली हफ़सा इस बार चुनी गई दो मुस्लिम महिला काउंसलरों में से एक हैं। उनकी जीत दिखाती है कि जेएनयू के छात्र अब जेंडर और धर्म से ऊपर उठकर सोच रहे हैं।
बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर के रहने वाले मोहम्मद असलम दृष्टिहीन हैं, लेकिन उनकी सोच और हिम्मत ने सबका दिल जीत लिया। वे जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ में पीएचडी कर रहे हैं। असलम कहते हैं, “शिक्षा इंसान की सबसे बड़ी ताकत है। मैं उन छात्रों की आवाज़ बनना चाहता हूँ जो मुश्किलों और भेदभाव का सामना करते हैं।”
असलम ने अपनी पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से शुरू की और बाद में पांडिचेरी यूनिवर्सिटी में छात्र आंदोलनों में सक्रिय रहे। वे फ़लस्तीन के समर्थन में भी आवाज़ उठाते रहे हैं।
लेफ्ट गठबंधन की इस जीत और मुस्लिम छात्रों की बढ़ती भागीदारी को देशभर के विश्वविद्यालयों में सराहा जा रहा है। छात्रों को उम्मीद है कि नया संघ सभी के लिए एक बेहतर और समान माहौल बनाएगा।














