बिहार के छपरा ज़िले में कथित पशु चोरी के शक में एक मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जबकि उसका भाई इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया है। यह दिल दहला देने वाली घटना नगर थाना क्षेत्र के अहितोली मोहल्ले में 11 मई की शाम को हुई। मृतक की पहचान 25 वर्षीय जाकिर कुरैशी के रूप में हुई है, जबकि उसका घायल भाई निहाल कुरैशी पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती है।
भीड़ की बर्बरता
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब पास के कसाई टोली इलाके में एक कथित चोरी हुआ पशु पाया गया। स्थानीय लोगों ने शक के आधार पर जाकिर और निहाल को पकड़ लिया और बेरहमी से पीटा। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “करीब 50-60 लोगों ने जाकिर पर हमला किया, उसके हाथ बांध दिए और लाठियों से पीटा। उसकी पीठ और पैरों की हड्डियां टूट गईं।”
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमले की असली वजह जाकिर की धार्मिक पहचान थी। “उसे मिया कहा गया और इसी आधार पर निशाना बनाया गया,” एक दोस्त ने बताया।
सामाजिक तनाव और विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। जाकिर की मौत की खबर मिलते ही खानुआ क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतर आए। विरोध के दौरान पुलिस से झड़प हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। हालात बिगड़ने पर पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। फिलहाल इलाके को संवेदनशील घोषित कर निगरानी बढ़ा दी गई है।
जांच और गिरफ्तारी
अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्य आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ित परिवार और समुदाय ने निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। जाकिर का जनाज़ा 12 मई को भारी पुलिस सुरक्षा में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।
देशभर में बढ़ते मुस्लिम-विरोधी हमले
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद देशभर में मुस्लिम विरोधी हिंसा की घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं। APCR (Association for Protection of Civil Rights) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, तब से अब तक तीन हत्याएं, सैकड़ों हमले और 300 से अधिक घृणा अपराध दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्यों में सबसे ज़्यादा मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई है। बिहार भी इससे अछूता नहीं है।
पहलगाम हमले के बाद की एक और दिल दहला देने वाली घटना
मोहम्मद गुलफाम और उनके चचेरे भाई ने हाल ही में चिकन बिरयानी की एक दुकान शुरू की थी, लेकिन पहलगाम हमले के बाद बदला लेने के नाम पर हमलावरों ने वहां धावा बोला। गुलफाम की मौके पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि उनके भाई को घायल कर दिया गया।