हैदराबाद: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के देखरेख में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें इस्लामी शरीयत के सिद्धांतों के अनुसार 1000 शादियाँ एक घंटे के भीतर तय की गईं। यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम हैदराबाद में संपन्न हुआ, जिसमें बिना दहेज और शर्तों के, केवल दुल्हन और दूल्हे की आपसी सहमति और उनके परिवारों की मंजूरी पर विवाह संपन्न हुए।
इस कार्यक्रम में शरीयत के अनुरूप सादगीपूर्ण शादियों के महत्व को रेखांकित किया गया, जिसका उद्देश्य दहेज प्रथा और जटिल शर्तों को हतोत्साहित करना था। समारोह में सादगी की भावना स्पष्ट दिखी, जहाँ विवाह बुजुर्गों की उपस्थिति और परिवारों की दुआओं के साथ पारस्परिक सहमति से तय किए गए।
कार्यक्रम की प्रतिभागी रुखसार ने कहा, “इस पहल ने हमें दहेज की मांगों के बोझ से बचा लिया, जिससे हम शादी के असली मकसद – आपसी सम्मान और समझ – पर ध्यान केंद्रित कर सके।”
AIMPLB ने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक क्षेत्रीय घटना नहीं है, बल्कि पूरे भारत में सादगी और न्यायसंगत शादियों को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक प्रयास का हिस्सा है। विभिन्न मेट्रो शहरों में भी इसी तरह की पहलों की योजना बनाई जा रही है, ताकि अधिक मुस्लिम जोड़े इन प्रयासों से लाभान्वित हो सकें और विवाह प्रक्रिया में शरीयत-सम्बंधी प्रथाओं को पुनर्स्थापित किया जा सके।
यह कार्यक्रम, अपने सादगी और न्याय के संदेश के साथ, व्यापक समुदाय के लिए एक आदर्श के रूप में खड़ा है, जो दहेज संस्कृति के खिलाफ संघर्ष कर रहा है और आपसी सम्मान व समझ पर आधारित शादियों को बढ़ावा दे रहा है।