श्रीनगर की रुतबा शौकत (Rutba Showkat) ने कश्मीर का गौरव बढ़ाते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। 20 वर्षीय रुतबा ने एक घंटे में कागज की 250 नाव (ओरिगामी) बनाकर यह उपलब्धि हासिल की, जबकि पहले यह रिकॉर्ड 150 नावों का था। कोविड काल के दौरान उन्होंने ओरिगामी कला सीखनी शुरू की और तीन साल के संघर्ष के बाद यह मुकाम पाया। इस दौरान उनके दो प्रयास असफल भी रहे, लेकिन हार न मानने की जिद ने उन्हें सफलता दिलाई।
रुतबा सिर्फ ओरिगामी में ही नहीं, बल्कि मार्शल आर्ट्स में भी देशभर में पहचान बना चुकी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने 60 से ज्यादा पदक जीते हैं, जिनमें एक स्वर्ण पदक भी शामिल है। इसके अलावा, वह खूबसूरत सुलेख (कैलिग्राफी) और पेंटिंग्स बनाने में भी माहिर हैं। उनकी कलाकृतियाँ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हैं।
रुतबा की यह सफलता कश्मीर के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। वह कहती हैं, “मैं चाहती हूँ कि मेरी मेहनत की कहानी दूसरों को हार न मानने का हौसला दे।” उन्होंने अपना गिनीज रिकॉर्ड प्रयास परिवार से भी छुपाकर रखा था, और सफलता मिलने पर यह सबके लिए हैरानी भरा सरप्राइज़ बन गया। रुतबा आज उन युवाओं के लिए मिसाल हैं, जो मुश्किल हालात में भी अपने सपनों को उड़ान देने का जज्बा रखते हैं।
खास बातें:
- गिनीज रिकॉर्ड से पहले इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है नाम।
- मार्शल आर्ट्स में राष्ट्रीय स्तर पर 60+ पदक जीत चुकी हैं।
- कोविड के दौरान ओरिगामी सीखकर बनीं दुनिया में मशहूर।