संभल ज़िले के नरोली कस्बे में दुकानों की दीवारों पर “फ्री गाज़ा, फ्री फिलिस्तीन” और इज़रायली उत्पादों के बहिष्कार को लेकर पोस्टर चिपकाने के मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पोस्टरों में भारतीय सामान खरीदने की अपील की गई थी, साथ ही गाज़ा में हो रहे संघर्ष को लेकर भावनात्मक संदेश दिए गए थे।
वैश्विक स्तर पर गाज़ा में चल रहे युद्ध और मानवीय संकट के बीच यह घटना सामने आई है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस संघर्ष में अब तक 51,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि गाज़ा में मानवीय सहायता पर भी पाबंदी लगी हुई है। दुनिया भर में कई समूह उन कंपनियों के खिलाफ बहिष्कार अभियान चला रहे हैं, जिन पर इज़रायली कार्रवाइयों से फायदा उठाने का आरोप है।
बनियाठे थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और दुकान मालिकों से पूछताछ के आधार पर आरोपियों की पहचान की। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम आसिम, सैफ अली, रहीस, मतलूब, फर्दीन, अरमान और अरबाज़ बताए गए हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इनके खिलाफ किन कानूनी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पोस्टरों में इज़रायल से जुड़े उत्पादों के बहिष्कार को “मुस्लिम उम्मत के लिए ज़रूरी” बताते हुए लिखा गया था, “गाज़ा में सब कुछ तबाह हो चुका है। अगर हम अपने फिलिस्तीनी भाइयों-बहनों की हालत देखकर नहीं रो सकते, तो समझ लो कि हमारे दिल मर चुके हैं।” इसमें कुछ विशिष्ट इज़रायली उत्पादों की तस्वीरें भी शामिल थीं, जिन्हें न खरीदने की अपील की गई।
पोस्टर के एक हिस्से में कहा गया, “इज़रायली खाद्य पदार्थ खरीदना उतना ही हराम है, जितना सूअर का मांस या शराब। मुस्लिम समुदाय और दुकानदारों से अनुरोध है कि ऐसे उत्पाद न बेचें या न खरीदें।” पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच जारी रखी है।