संभल पुलिस ने 14 फरवरी 2025 को सार्वजनिक स्थानों पर 74 संदिग्धों के पोस्टर लगाए, जो 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल थे। स्थानीय लोगों से संदिग्धों की पहचान करने और जानकारी देने की अपील की गई है।
सीसीटीवी फुटेज से संदिग्धों की पहचान
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इन संदिग्धों की तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई थीं, जिनका पोस्टर अब जिलेभर में विभिन्न स्थानों पर चिपकाया गया है। संभल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र ने कहा, “ये संदिग्ध हिंसा में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे। उनकी पहचान और पुष्टि करना बाकी है, इसलिए जनता की सहायता लेने के लिए पोस्टर जारी किए गए हैं।”
मुखबिरों को नकद इनाम की पेशकश
संभल पुलिस ने घोषणा की है कि इन 74 उपद्रवियों की पहचान करने में सहायता करने वाले और विश्वसनीय सबूत देने वाले मुखबिरों को नकद इनाम दिया जाएगा।
कैसे भड़की थी हिंसा?
24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के खिलाफ स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जैसे-जैसे तनाव बढ़ा, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके दौरान भारी पथराव हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया, हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया और दावा किया कि उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केवल “हल्का बल” प्रयोग किया था।
संभल पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए है और संदिग्धों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।