श्रीनगर के 13 वर्षीय उजैर मलिक (Uzair Malik) ने कम उम्र में ही तकनीक की दुनिया में बड़ी उपलब्धि हासिल कर सबका ध्यान खींचा है। उजैर अब तक 31 डिजिटल ऐप्स बना चुके हैं और उन्होंने एक फ्रीलांसिंग वेबसाइट भी शुरू की है, जिसकी खूब सराहना हो रही है।
उजैर ने प्रोग्रामिंग खुद सीखी है। उन्होंने ऑनलाइन माध्यमों और लगातार अभ्यास के ज़रिये कोडिंग सीखी और धीरे-धीरे ऐसे ऐप्स बनाए जो रोज़मर्रा के कामों और रचनात्मक जरूरतों में मदद करते हैं। तकनीक और नई चीज़ें सीखने का उनका शौक उन्हें लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
ऐप डेवलपमेंट के साथ-साथ उजैर ने एक फ्रीलांसिंग वेबसाइट भी लॉन्च की है, जिसका मकसद काम करने वालों और ग्राहकों को आपस में जोड़ना है। इससे उनकी कम उम्र में ही डिजिटल दुनिया और उद्यमिता की समझ साफ झलकती है।
उजैर आगे चलकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में पढ़ाई करना चाहते हैं और भविष्य में एक पेशेवर एडिटिंग ऐप बनाने का सपना देखते हैं। उनका मानना है कि मेहनत, निरंतरता और नए विचार ही सफलता की कुंजी हैं। वे चाहते हैं कि दूसरे बच्चे भी कोडिंग और तकनीक की ओर आगे बढ़ें।
उजैर की यह उपलब्धि कश्मीर के युवाओं की बढ़ती तकनीकी क्षमता का बेहतरीन उदाहरण है। यह दिखाती है कि अगर लगन और आत्मविश्वास हो तो उम्र और संसाधनों की कमी कभी भी रचनात्मकता और सपनों के रास्ते में बाधा नहीं बनती।















