हैदराबाद: सादासिवपेट के एक गोदाम में बोझा ढोने का काम करने वाले मज़दूर SK बाबुमियां की बेटी तसलीमा फातिमा (26) ने तेलंगाना की जूनियर लेक्चरर (ज़ूलॉजी) भर्ती परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया है। अब वह अपने ही शहर सादासिवपेट के सरकारी जूनियर कॉलेज में लेक्चरर बनेंगी।
पिता को गर्व, संघर्ष की कहानी
सियासत की रिपोर्ट के मुताबिक़, तीस साल से मज़दूरी कर रहे बाबुमियां ने बताया, “पैसे की कमी थी, लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए हमने कभी हार नहीं मानी।” तसलीमा ने भी पिता के संघर्ष को सफलता में बदल दिया।
उर्दू मीडियम से शुरुआत, फिर अंग्रेज़ी में जीती चुनौती
तसलीमा ने दसवीं तक उर्दू मीड्यम से पढ़ाई की। इंटरमीडिएट में अंग्रेज़ी मीड्यम चुना और सादासिवपेट के इंडो ब्रिटिश जूनियर कॉलेज से पढ़ाई की। इसके बाद कोटी के वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और ओसमानिया यूनिवर्सिटी से ज़ूलॉजी में एमएससी किया।
टॉपर बनने का सफर
एमएससी के बाद महज दो साल में ही तसलीमा ने जूनियर लेक्चरर परीक्षा में टॉप किया। उन्होंने ‘तेलंगाना टुडे’ को बताया, “मैं अपने गाँव के बच्चों को पढ़ाकर समाज को कुछ लौटाना चाहती हूँ। भविष्य में पीएचडी कर प्रोफेसर बनने का सपना है।”
शानदार रिकॉर्ड
- दसवीं: 9.5 GPA
- इंटरमीडिएट: 1000 में से 943 अंक
- TSPGCET (पीजी एंट्रेंस): छठी रैंक
तसलीमा की कहानी साबित करती है कि मेहनत और हौसले से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है!