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हाजी मलंग दरगाह में उर्स के दौरान हिंदुत्ववादी संगठनों का कृत्य भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब पर हमला, MSO ने की सख्त कार्रवाई की मांग।

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महाराष्ट्र के मुंबई स्थित हाजी मलंग दरगाह में उर्स के मौके पर हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा जबरन नारेबाजी, धार्मिक अनुष्ठान और सांप्रदायिक उकसावे की घटना पर मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (MSO) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस कृत्य को संवैधानिक मूल्यों और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का खुला उल्लंघन करार देते हुए, संगठन ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

उर्स के दौरान दरगाह के भीतर जबरन “जय श्री राम” के नारे लगाए गए और हिंदुत्ववादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वहां धार्मिक अनुष्ठान कर दरगाह की पवित्रता को ठेस पहुंचाई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुआ, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा।

MSO के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलशाद नूर (एडवोकेट) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह घटना न केवल मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की साजिश है, बल्कि यह भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब पर भी हमला है। हाजी मलंग दरगाह एक ऐतिहासिक और सर्वधर्म समभाव का प्रतीक स्थल है, जहां सभी धर्मों के लोग आस्था के साथ आते हैं। ऐसे में इस पवित्र स्थान पर धार्मिक नारेबाजी और जबरन अनुष्ठान कर उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाना अस्वीकार्य है।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर प्रशासन इस घटना पर ठोस कार्रवाई नहीं करता है, तो यह दर्शाएगा कि कुछ संगठनों को कानून से ऊपर रखा जा रहा है। यह देश की एकता और भाईचारे के लिए एक गंभीर खतरा है।”

MSO की प्रमुख मांगें:
• दरगाह की पवित्रता भंग करने और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
• पुलिस की मौजूदगी में यह घटना कैसे घटी और किन अधिकारियों की लापरवाही रही। इसके लिए जिम्मेदार दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए।
• भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा कड़ी की जाए और ऐसे कृत्यों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
• राज्य और केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी संगठन धार्मिक भावनाओं को भड़काने और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को अपवित्र करने की हिम्मत न कर सके।

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