Positive Story

ज़ैनब हुसैन और सैयदा सादिया बनीं अलवी समुदाय से NEET पास करने वाली पहली छात्राएं।

Spread the love

हरियाणा के नूंह ज़िले की सैयदा ज़ैनब हुसैन और उनकी मौसी सैयदा सादिया ने NEET 2025 की परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि देश के सबसे पिछड़े इलाकों में शामिल मेवात क्षेत्र को भी गर्व महसूस कराया है।

इन दोनों छात्राओं की यह उपलब्धि इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि वे अलवी समुदाय से आती हैं, जो सामाजिक रूप से बेहद पिछड़े मुसलमानों में गिना जाता है। ज़मीन की मिल्कियत, शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों के मामले में अलवी समुदाय आज भी काफी पीछे है।

सैयदा ज़ैनब हुसैन ने NEET 2025 में 551 अंक हासिल कर यह परीक्षा पास की और अलवी समुदाय की पहली लड़की बनीं, जिसने मेडिकल एंट्रेंस एग्ज़ाम में सफलता पाई।

जहाँ इस समुदाय में लड़कियों को आमतौर पर प्राथमिक शिक्षा से आगे नहीं पढ़ाया जाता, ज़ैनब ने इस सोच को तोड़ा और एक मिसाल कायम की। दिलचस्प बात यह है कि ज़ैनब ने यह परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की।

उनके पिता ज़ाकिर हुसैन, हरियाणा पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर हैं और SP कार्यालय, नूंह की सिक्योरिटी ब्रांच में तैनात हैं। परिवार मूल रूप से कमेंडा गांव (फिरोजपुर झिरका) से है। ज़ैनब के दादा स्व. जमील अहमद भारतीय स्टेट बैंक में हेड गार्ड थे।

ज़ाकिर हुसैन ने बताया, “ज़ैनब शुरू से ही पढ़ाई में तेज़ रही है। दो बार असफल होने के बाद भी उसने हार नहीं मानी, हर बार कुछ नया सीखा और इस बार अच्छे अंकों से NEET पास कर दिखा दिया कि जुनून हो तो कामयाबी ज़रूर मिलती है।”

ज़ैनब की मौसी सैयदा सादिया ने भी NEET 2025 में 536 अंक प्राप्त किए। उनका यह सफर दिखाता है कि यह सफलता कोई संयोग नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की शुरुआत है।

सादिया के पिता हाजी इसराईल 2016 में मेवात सिविल सर्जन कार्यालय से ड्राइवर की नौकरी से रिटायर हुए। उन्होंने अपनी सभी बेटियों को अच्छी शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

ज़ाकिर हुसैन ने बताया कि उनकी पत्नी भले ही केवल मैट्रिक पास हैं, लेकिन उनके परिवार की अन्य बहनें MA, Double MA कर रही हैं और एक भाई MBBS कर रहा है।

अलवी समुदाय के प्रमुख लोग जैसे डिस्ट्रिक्ट काउंसलर साबिर हुसैन, जकम अलवी, ग़ुलाम नबी आज़ाद, सैयद ज़ाकिर हुसैन, और मास्टर नाज़िम हुसैन ने ज़ैनब और सादिया के घर जाकर उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी।

नूंह बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ताहिर हुसैन रूपड़िया ने कहा,

“इन दोनों बेटियों ने NEET पास कर समाज की अन्य लड़कियों के लिए एक नया रास्ता खोल दिया है। आने वाले समय में यह एक मिशन जैसा काम करेगा।”

उन्होंने यह भी कहा,
“मेवात जैसे इलाके में जहाँ महिला डॉक्टरों की भारी कमी है, वहीं जब हमारी बेटियाँ डॉक्टर बनेंगी, तो न केवल वे महिलाओं का बेहतर इलाज करेंगी, बल्कि समाज की सोच भी बदलेंगी।”

समाजशास्त्रियों का मानना है कि ज़ैनब और सादिया की सफलता मेवात क्षेत्र में महिला शिक्षा को नई दिशा देगी। राजस्थान और हरियाणा के मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में यह उपलब्धि कई परिवारों को बेटियों की पढ़ाई की ओर प्रेरित करेगी।

Related Posts

1 of 7

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *