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अनीजा मुश्ताक: रसोई के कचरे से रोजगार का नया आयाम, 700 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया।

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नई दिल्ली: असफलताओं और मुश्किलों के बावजूद हार न मानने वाली जम्मू-कश्मीर की भद्रवाह की रहने वाली अनीजा मुश्ताक (Aniza Mushtaq) ने अपने जुनून को ज़िंदा रखते हुए एक मिसाल कायम की है। रसोई और कृषि अपशिष्ट को उपयोग में लाकर पेपर माशी कला को नई पहचान देने वाली अनीजा ने न सिर्फ अपनी आजीविका का साधन बनाया, बल्कि 700 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए।

40 वर्षीय अनीजा, जो दो बच्चों की मां हैं, ने मार्च 2022 में अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। उनका यह अभिनव प्रयास आज महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने का एक सफल उदाहरण बन चुका है।

700 महिलाओं को सशक्त बनाया

डोडा जिले के भद्रवाह की अनीजा ने अपने स्टार्टअप के जरिए 700 महिलाओं को रोजगार के नए अवसर दिए हैं। वह उन्हें अंडे के छिलके, अखरोट के छिलके, और कांच की बोतलों जैसे रसोई के कचरे से कलात्मक उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देती हैं। इसके अलावा, उन्होंने इन महिलाओं को जम्मू-कश्मीर हस्तशिल्प विभाग और कपड़ा विभाग में पंजीकरण कराने में भी मदद की, जिससे वे सरकारी सहायता और मासिक वजीफे का लाभ उठा सकें।

अनीजा का कहना है कि यह सब आसान नहीं था। उन्हें शुरुआत में अपने ही रिश्तेदारों और हस्तशिल्प विभाग के अधिकारियों से हतोत्साहन का सामना करना पड़ा। लोगों का मानना था कि पेपर माशी केवल पारंपरिक कश्मीर की कला है, जिसमें कोई नवाचार नहीं हो सकता। लेकिन अनीजा ने अपने प्रयास जारी रखे। SKUAST (शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) जम्मू के निदेशक ने उनके उत्पादों की सराहना की और उनके स्टार्टअप को पंजीकृत करने में मदद की।

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

अनीजा के स्टार्टअप ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई। उन्होंने चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई, गोवा और सूरजकुंड सहित देशभर में 20 से अधिक प्रदर्शनियों में भाग लिया है। अनीजा के प्रशिक्षण से गुजरने वाली महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि अपने परिवारों की मदद करने में भी सक्षम हो रही हैं।

“संकल्प ने दिलाई सफलता”

अनीजा कहती हैं, “लोगों ने मुझे निरुत्साहित करने की कोशिश की, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। आज, मेरा उद्देश्य उन महिलाओं को सशक्त बनाना है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं।”

अनीजा मुश्ताक की कहानी संघर्ष, संकल्प, और सफलता का प्रतीक है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि जुनून और मेहनत से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

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