जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. खालिद रजा को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से ₹94 लाख का प्रतिष्ठित अनुदान मिला है। यह अनुदान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के जरिए स्तन कैंसर के इलाज के लिए नई दवाओं के डिजाइन और विकास पर उनके काम को आगे बढ़ाने के लिए दिया गया है।
इस परियोजना का उद्देश्य AI का उपयोग करके दवा के यौगिकों को बेहतर बनाना, इलाज के नए तरीके खोजना और स्तन कैंसर के लिए प्रभावी समाधान तैयार करना है। डॉ. रजा और उनकी टीम पहले से ही DdpMPyPEPhU नामक एक विशेष यौगिक पर काम कर रही है, जिसे इस शोध में और उन्नत किया जाएगा। यह शोध स्तन कैंसर से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालने और स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में है।
जामिया का गौरवपूर्ण क्षण
जामिया के कुलपति, प्रो. मजहर आसिफ ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुदान जामिया की शोध और नवाचार में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डॉ. रजा की प्रतिक्रिया
डॉ. खालिद रजा ने अनुदान पर खुशी जताते हुए कहा, “यह हमारे शोध को नई ऊंचाई पर ले जाने और लाखों लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने का एक शानदार अवसर है। मैं अपनी टीम और ICMR को धन्यवाद देता हूं।”
डॉ. रजा का परिचय
डॉ. रजा AI के जरिए जीनोमिक्स, दवा डिजाइन और कैंसर के इलाज जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं। वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की सूची में दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में शामिल हो चुके हैं। उनके नाम 140 से अधिक शोध लेख, 14 पुस्तकें और कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पद हैं।
अनुसंधान की नई दिशा
यह तीन साल की परियोजना स्तन कैंसर के इलाज के लिए AI-आधारित तकनीकों को उन्नत करने, विशेषज्ञों के साथ सहयोग बढ़ाने और नए समाधान खोजने में मदद करेगी। ICMR द्वारा दिया गया यह अनुदान भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और डॉ. रजा का यह प्रयास स्वास्थ्य सेवा में बदलाव लाने और कैंसर के इलाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।