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केरल की 11 वर्षीय लड़की Leena Rafeeq ने आईफोन का उपयोग करके आंखों की बीमारियों का पता लगाने के लिए AI Based ऐप बनाया है।

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नई दिल्ली: अगर ज़हानत और कुछ करने का जज़्बा हो तो उम्र बेमानी हो जाती है, कभी कभी बच्चे वो कारनामा कर जाते हैं जिसको बड़े भी तसव्वुर नहीं कर पाते। अपनी इस सलाहियत को अंजाम तक पहुंचाया है महज़ 11 साल की बच्ची ने. केरल की रहने वाली लीना रफ़ीक़ (Leena Rafeeq) ने आईफोन का इस्तेमाल करके एक अनूठी स्क्रेनिंग प्रक्रिया के माध्यम से आँखों की बीमारियों और अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक एप्लीकेशन बनाया है. लीना ने एप्लिकेशन को ‘ओग्लर आईस्कैन’ (Ogler EyeScan) नाम दिया है और इसे उसने 10 साल की उम्र में ही क्रिएट कर लिया था.

अब इस एआई ऐप के आविष्कार के एक साल बाद, लीना ने इसे ऐप स्टोर में जमा कर दिया है, जहां से आईओएस यूज़र्स उसके ऐप तक पहुंच सकते हैं। हाल ही में लीना रफ़ीक़ (Leena Rafeeq) ने लिंक्डइन पर अपनी इस लेटेस्ट अचीवमेंट को साझा किया। इससे पहले भी लीना ने महज़ छह साल की उम्र में, अपने स्कूल की विज्ञान प्रदर्शनी के लिए बिल्कुल शुरुआत से एक वेबसाइट बना डाली थी.

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ये डिवाइस कैसे काम करेगी इसकी इनफार्मेशन देने के लिए लीना ने लिंक्डइन का सहारा लिया और एक वीडियो के जरिए इसे बताने की कोशिश की. लीना रफ़ीक़ (Leena Rafeeq) ने कहा कि उसका एप्लिकेशन “एडवांस कंप्यूटर विजन और मशीन लर्निंग” एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके ओग्लर फ्रेम रेंज के अंदर आंखों का पता लगाने के लिए प्रकाश और रंग की तीव्रता, दूरी और लुक-अप पॉइंट जैसे तरह तरह के मापदंडों का विश्लेषण कर सकता है। यह प्रकाश फटने की किसी भी मुश्किलात की पहचान करता है और यह भी कि क्या आंखें स्कैनर फ्रेम के ठीक अंदर स्थित हैं।

एक बार स्कैन की क्वालिटी पुख्ता हो जाने के बाद, ऐप आर्कस, मेलानोमा, पर्टिगियम और मोतियाबिंद जैसी संभावित आंखों की बीमारियों या स्थितियों का निदान करने के लिए प्रशिक्षित यानि trained मॉडल का उपयोग करता है। इस ऐप को बिना किसी तीसरे पक्ष के पुस्तकालय या पैकेज के स्विफ्टयूआई के साथ मूल रूप से विकसित किया गया था, और इस इनोवेटिव ऐप को जीवन में लाने के लिए मुझे छह महीने का शोध और विकास करना पड़ा।

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लीना रफ़ीक़ (Leena Rafeeq) ने कहा कि इसके लिए उन्होंने विभिन्न नेत्र स्थितियों, कंप्यूटर विज़न, एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग मॉडल और Apple iOS विकास के उन्नत स्तरों के बारे में काफी कुछ सीखा, जिसमें सेंसर डेटा, AR, CreateML, CoreML और बहुत कुछ चीजें शामिल हैं. हालांकि,ध्यान देने वाली बात है कि Ogler EyeScan केवल iPhone 10 और इसके बाद के जिसमें सेंसर डेटा, AR, CreateML, CoreML और बहुत कुछ चीजें शामिल हैं. हालांकि,ध्यान देने वाली बात है कि Ogler EyeScan केवल iPhone 10 और इसके बाद के संस्करण iOS 16+ को स्पोर्ट करता है. लीना ने बताया कि उसका ऐप फिलहाल में ऐप स्टोर पर अंडर रिव्यू है. और उम्मीद है कि इसे जल्द ही सब लोगों के इस्तेमाल में लाया जायेगा।

लीना रफ़ीक़ (Leena Rafeeq) के इतनी कम उम्र के इस जादुई इनोवेशन से लोग बेहद प्रभावित हो रहे हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं. एक यूजर ने कहा, “हम एआई का उपयोग करके स्वास्थ्य में इक्विटी को कैसे कम कर सकते हैं, इसका अच्छा उदाहरण है.” “आप एक बड़ी बधाई की पात्र हैं,लीना. 10 साल की उम्र में इतना बढ़िया काम,” एक अन्य व्यक्ति ने लिखा.

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एक तीसरे व्यक्ति ने कहा, “वाह, यह आश्चर्यजनक है! आपने ओग्लर आईस्कैन के अपने निर्माण के साथ बहुत कुछ हासिल किया है और मैं आपको शुभकामनाएं और कुछ अद्भुत ऐपस्टोर समीक्षाएं देता हूं.
अपनी पोस्ट को ख़त्म करते लीना ने आखिर में लिखा:
“मैं आपके समर्थन और सुझावों के लिए आभारी हूँ मैं ओग्लर के मॉडल और इसकी क्षमताओं को सुधारने की दिशा में काम करना जारी रखूंगी। कृपया किसी भी प्रतिक्रिया या सुझाव के साथ मुझ तक पहुंचने में संकोच न करें।

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