India

12वीं क्लास के कश्मीरी छात्र का कार सीट बेल्ट में इनोवेशन, लोग कर रहे हैं जमकर तारीफ

Spread the love

सिराज अली कादरी | Lallanpost.Com

टाटा के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटना के बाद, गाड़ियों में सीट बेल्ट के लगाने पर बहुत जोर दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल से 12वीं कक्षा के एक छात्र ने इस का ज़बरदस्त समाधान लाया है। उनकी ‘सीट बेल्ट इग्निशन’ बहुत महत्वपूर्ण है। गाडी उस वक़्त तक नहीं चलेगी जब तक कि गाड़ी में बैठे लोग अपनी सीट बेल्ट नहीं बांध लेते।

शाह के ज़रिये लाया गया तकनीक अभी तक दुनिया में कहीं भी नहीं है

शाह को उनके नवाचार के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है. उन्होंने संवाददाता से बात करते हुए कहा कि वास्तविक जीवन के अवलोकन ने उन्हें सुरक्षात्मक तकनीक विकसित करने का विचार दिया. उनका कहना है कि एक बार मैं गाड़े से घाटी की रोड पर जा रहा था। ड्राईवर ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी। जब वह ट्रैफिक पुलिस चौकी के पास पहुंचा तो उसने अपनी गोद में सीट बेल्ट रख ली और आगे बढ़ गया। मुझे डर था कि कहीं सड़क पर कोई हादसा न हो जाए। जो ड्राइवर की जान ले सकता है, और कार में सवार लोगों को भी उतना ही महंगा पड़ सकता है इसलिए मैंने कार के स्टार्ट होने को सीट बेल्ट से जोड़ दिया।

आकिब शाह

उन्होंने कहा कि जब वे घर लौटे और बाद में अपने स्कूल (सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सफापुरा) गए, तो उन्होंने अपना विचार अपने शिक्षक डॉ. मुजफ्फर शेख के साथ साझा किया, जिन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया और उन्हें इस पर काम करने के लिए कहा ।

‘सीट बेल्ट इग्निशन’

शाह ने कहा कि ज्यादातर स्मार्ट कारों में ‘बीप सिस्टम’ यानी कार स्टार्ट होने पर सीटी का इस्तेमाल होता है। “यह तब तक बीप करता है जब तक कि दूसरा गियर न लगाया जाए। मैंने सेंसर को इग्निशन और सीट बेल्ट से जोड़ा। अब जब तक सीट बेल्ट नहीं लगाएंगे कार स्टार्ट नहीं होगी।

शाह ने सेंसर के जरिए सीट बेल्ट को कार के इंजन और गियर से जोड़कर अपने इनोवेशन को अपग्रेड किया है। “अगर इंजन और गियर बंद हो जाते हैं, तो कार अपने आप रुक जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी तकनीक सेंसर, अरुडिनो बोर्ड और वायरिंग का बहुत अच्छा उपयोग करती है।

 बचपन का जुनून

वह कहते हैं कि मैं बचपन से ही घर में खिलौने और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खोल देता था, जिसके लिए मेरे माता-पिता मुझे डांटते थे। हालाँकि यह आदत तब रंग लाई जब भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने मोंक अवार्ड प्रतियोगिता की घोषणा की, जहाँ मैंने लगातार चार वर्षों तक इंस्पायर अवार्ड जीता।

 सम्मान

हाल ही में आकिब ने IIT कानपुर में इनोवेशन कॉन्क्लेव में अप्लाई किया, जहां उनके आइडिया को चुना गया। उन्होंने हाल ही में श्री प्रताप कॉलेज में आयोजित ‘इनोवेशन हंट’ में लिया और मूल्यांकन के लिए कश्मीर विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेंटर में एक अभिनव विचार भेजा।

(लेखक पत्रकार हैं और दैनिक भास्कर से जुड़े हैं)

Related Posts

1 of 14

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *