कश्मीर घाटी की होनहार छात्रा माहिरा शाह (Mahira Shah) ने मंडला कला में दुनिया का सबसे छोटा शिकारा बनाकर इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है। माहिरा ने अपने इस कारनामे से पूरे कश्मीर का नाम रोशन किया है।
माहिरा दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके से ताल्लुक रखती हैं। माहिरा शाह (Mahira Shah) को जब पता चला कि उन्हें इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। माहिरा शाह पंग्लिश त्राल की एक शानदार छात्रा हैं। उन्हें कला में रुचि थी और उन्होंने मंडला कला में महारत हासिल की है। और उन्होंने इस कला में दुनिया का सबसे छोटा शिकारा बनाया और अब उसे इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है।
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माहिरा शाह (Mahira Shah) ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में मदरसा तालीमुल इस्लाम (एमटीआई) से 10वीं की पढ़ाई पूरी की है। खानदान के मसायल की वजह से उन्हें बहुत जल्दी शादी करनी पड़ी। उनका एक बच्चा है और अपने बच्चे की परवरिश करते हुए लॉ हाउस में 11 वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही हैं।
माहिरा शाह (Mahira Shah) ने कहा शिकारा की मंडला कला को पूरा करने में मुझे एक दिन लगा, जिसने मुझे आज पहचान दिलाई है। और उन्हें यह ऊंचाइयों तक ले गया। और मुझे इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पहला मकाम मिला। यह सब मेरे माँ बाप के सहयोग के कारण संभव हुआ है। क्योंकि माँ बाप हमेशा उनकी कला को आगे बढ़ाने के लिए हर तरह से मदद करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह पूरे भारत में शिपिंग दे रही है और विभिन्न राज्यों से कला उत्पादों के लिए ऑर्डर प्राप्त कर रही है। विदेश से आर्डर मिलने पर वह अपनी कलाकृतियां भिजवाने के लिए भी तैयार हैं।
माहिरा शाह (Mahira Shah) और उनका पूरा परिवार उनकी उपलब्धि का जश्न मना रहा है क्योंकि यह कश्मीर के इतिहास में अपनी तरह का पहला मामला है जब किसी छात्रा ने इस तरह की उपलब्धि हासिल की है। इस समय माहिरा के करीबी दोस्त और रिश्तेदार उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई देने पहुंच रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माहिरा का कहना है कि उन्हें बचपन से ही कला का शौक रहा है और जब उनका नाम इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ तो उन्हें बहुत खुशी हुई।
उन्होंने आगे कहा कि बचपन से ही मुझमें कश्मीर की शान बढ़ाने का जुनून था और मैं अपने माता-पिता के प्रोत्साहन के कारण ही इस मुकाम तक पहुंची हूं.
उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को किसी दबाव में नहीं लाना चाहिए बल्कि उनकी इच्छा के अनुसार काम करने देना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि लड़कियों को उनकी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि कश्मीरी लड़कियां बहुत अधिक दबाव के कारण आत्महत्या कर लेती हैं।
माहिरा ने कहा कि वह मंडला कला के प्रचार-प्रसार के लिए काम करती रहेंगी क्योंकि यह कला रोजगार भी पैदा कर सकती है।
माहिरा शाह (Mahira Shah) के पति इनामुल हक ने कहा कि उन्होंने विश्व रिकॉर्ड तोड़ने या नया रिकॉर्ड स्थापित करने के इरादे से काम किया। उन्होंने शिकारा, चरखा और कांगड़ी जैसी कई मंडल कलाओं का निर्माण किया। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी इस कलाकृति को स्वर्ण पदक के लिए नामांकित किया है। मुझे इतनी खुशी देने के लिए मैं हमेशा माहिरा का आभारी रहूंगा। माहिरा के ससुर मुश्ताक अहमद शाह ने कहा कि जब उन्होंने अपनी बहू का टैलेंट देखा तो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
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ससुर मुश्ताक अहमद शाह ने माहिरा की तारीफ करते हुए कहा कि माहिरा शाह (Mahira Shah) का रिकॉर्ड उनके परिवार के लिए ईद से पहले का तोहफा है. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि माहिरा इसलिए दुखी हैं क्योंकि प्रशासन से कोई भी उनके इस प्रयास की सराहना करने नहीं आया. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी सफलता नहीं है, यह सफलता पहलगाम, त्राल, पूरे कश्मीर और भारत की है क्योंकि माहिरा ने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है। मंडला एक प्राचीन भारतीय कला पद्धति है जिसमें जटिल डिजाइनों में गोलाकार चित्रण शामिल है। यह कला रूप भारतीय कलाकार एसएच रज़ा द्वारा पेश किया गया था जिन्होंने कई मंडला कला चित्रों का निर्माण किया था। उन्होंने इस कला को विश्व स्तर पर मशहूर किया था।