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कश्मीर के सैयद आदिल जहूर ने आईएसएस की परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया

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एक समय था जब कश्मीर का नाम सुनते ही खूनी संघर्ष, युवाओं के हाथ में पत्थर और उग्रवाद की छवि मन में आ जाती थी। और कश्मीर में इसी तरह के हालत भी थे, वहां के नौजवानों की योग्यता बर्बाद हो रही थी. कुछ लोगों के बहकावे में आकर घाटी के युवक पढ़ाई से दूर हो गए थे । लेकिन अब वहां के हालात बदल रहे हैं. अब युवा पत्थरबाजी छोड़कर शिक्षा की ओर मुड़े हैं। जो युवक पत्थर उठाते थे अब वह हाथों में क़लम लिए नजर आ रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसे युवा उभरे हैं, जिन्होंने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में कश्मीर का नाम रोशन किया है. ऐसे ही एक छात्र सैयद आदिल जहूर ने भी एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिससे पूरे देश में उनकी तारीफ हो रही है।

दरअसल सैयद आदिल जहूर ने भारतीय सांख्यिकी सेवा (आईएसएस) की प्रतिष्ठित परीक्षा पास की है। सैयद आदिल हुसैन एक ऐसे कश्मीरी बन गए हैं। जो कश्मीर दुसरे छात्र हैं जिन्होंने इस परीक्षा को पास किया है। और उनके परीक्षा पास करने के बाद लोग जश्न मना रहे हैं। आदिल ने अपने पहले ही प्रयास में यह परीक्षा पास की है। और इस परीक्षा को पास करने के बाद वह बहुत खुश हैं।

सैयद आदिल जहूर जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के रहने वाले हैं। आदिल ने अपनी सफलता पर कहा है कि मैंने इस परीक्षा को पास करने के लिए काफी मेहनत की है. मेरे लिए सब कुछ आसान नहीं था। बल्कि बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। मैं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से वाकिफ था, इसलिए मैं पढ़ाई के अलावा मजदूरी भी करता था, ताकि मैं अपने परिवार पर बोझ न बनूं और उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी उठाऊं। मुझे आईएसएस में सफलता मिली इस बात की मुझे बहुत खुशी है ।

आदिल कहते हैं मेरे लिए शुरू से ही शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल था, क्योंकि मेरे गाँव में कोई स्कूल नहीं था, और मुझे हाई स्कूल और फिर कॉलेज की शिक्षा के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता था, क्योंकि मेरे गाँव में सड़कें नहीं थीं। पूरा इलाका पहाड़ी था और वह पहाड़ों के बीच से स्कूल जाता था। वे कहते हैं कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, यदि आपके पास इसे प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प है। तो आप हर स्थिति में सफल रहेंगे। क्योंकि मेहनत ही सफलता की कुंजी है। हर कोई सफलता चाहता है। लेकिन सफलता उन्हीं के कदम चूमती है जो मेहनत करते हैं। और लगन के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।

सैयद आदिल जहूर

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को खुद पर आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए। आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। फिर कामयाबी अल्लाह पर छोड़ दो। एक निजी स्कूल के कर्मचारी के बेटे आदिल जहूर ने अल्लाह का शुक्रिया अदा करने के बाद अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं राजकीय मध्य विद्यालय का छात्र हूं।मुझे अद्भुत शिक्षक मिले। मैंने अपनी माध्यमिक शिक्षा गवर्नमेंट हाई स्कूल बारामूला से की और 12 वीं गवर्नमेंट बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल बारामूला से पास की। बाद में मैंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज बॉयज बारामूला से बैचलर ऑफ आर्ट्स किया।

उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री कश्मीर विश्वविद्यालय से प्राप्त की, जहां उन्हें 2020 में जूनियर रिसर्च फेलोशिप से सम्मानित किया गया। वे जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा 2021 में आयोजित की जाने वाली लेखा सहायक परीक्षा के लिए भी योग्य रहे हैं।
सैयद आदिल का खूबसूरत गांव ऊंचे पहाड़ों में बसा है। यह बारामूला के मुख्य शहर से 14 किमी दूर है और इसे पर्यटन स्थल के रूप में नामित किया गया है। आईएसएस परीक्षा में आदिल के चयन की खबर मिलते ही पूरा गांव खुशी से झूम उठा। सैकड़ों लोग, रिश्तेदार और दोस्त आदिल के परिवार को बधाई देने पहुंचे।

आदिल के दोस्त और चचेरे भाई आशिक हुसैन ने कहा कि उसकी सफलता निश्चित रूप से कई युवा लड़कों और लड़कियों को जीवन में अपने लक्ष्यों का पीछा करने के लिए प्रेरित करेगी। उनके बारे में सबसे अच्छी बात उनका विनम्र स्वभाव है। इतनी शानदार सफलता के बाद भी वह शांत रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी जुनून छोटा या बड़ा नहीं होता। आपकी लगन और मेहनत जीवन में बहुत आगे तक जाती है। सफलता की ऐसी कहानियां इस बात का प्रमाण हैं कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है यदि उसके पास अपने सपनों को पूरा करने का साहस और समर्पण हो।

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