नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) के तीन पीएचडी छात्रों ने अमेरिका में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च की नौकरी पाकर बड़ी कामयाबी हासिल की है। डॉ. एमडी इक़बाल अज़मी, डॉ. सलीम अनवर और डॉ. खुर्शीद उल इस्लाम ने जेएमआई के “मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड स्टडीज” (एमसीएआरएस) में डॉ. जावेद इक़बाल की देखरेख में पीएचडी पूरी की और अब अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में रिसर्च कर रहे हैं।
डॉ. इक़बाल अज़मी ने पीएचडी के दौरान कोविड-19 की जाँच के लिए क्रिस्पर तकनीक पर आधारित एक नया तरीका बनाया था, जिसके लिए उन्हें आईसीएमआर और टीएनक्यू का अवार्ड मिला। वे अब अमेरिका के रोचेस्टर यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रहे हैं। डॉ. सलीम अनवर को जेएमआई के एक कॉन्फ्रेंस में बेस्ट प्रेजेंटेशन का अवार्ड मिला और वे अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में जुड़ गए हैं। डॉ. खुर्शीद उल इस्लाम भी रोचेस्टर यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टरल कर रहे हैं। खास बात यह है कि इन तीनों को पीएचडी खत्म करने के सिर्फ तीन महीने के भीतर ही अमेरिका से नौकरी का ऑफर मिल गया।
इस सफलता के पीछे डॉ. जावेद इक़बाल का मार्गदर्शन और उनकी लैब में की गई बेहतरीन रिसर्च को माना जा रहा है। डॉ. इक़बाल जेएमआई में 2017 से काम कर रहे हैं और उन्होंने कई छात्रों को सफल बनाया है, जिनमें फातिमा रिजवी और आदिला खानम जैसी छात्राएँ शामिल हैं, जिन्हें रिलायंस और प्रिंसटन जैसे बड़े संस्थानों से स्कॉलरशिप मिली। डॉ. इक़बाल को भारत सरकार के डीबीटी, एसईआरबी और डीएसटी विभागों से 2.36 करोड़ रुपये का फंड मिला है, जिससे कोविड-19 और हेपेटाइटिस की जाँच के लिए नई किट्स बनाई गई हैं।
डॉ. इक़बाल ने कहा कि उन्हें जेएमआई प्रशासन, खासकर निदेशक प्रो. मोहम्मद हुसैन, डीन प्रो. ज़ाहिद अशरफ और कुलपति प्रो. माज़हर आसिफ़ का पूरा साथ मिला है, जिससे उनकी रिसर्च को सफलता मिली। यह कहानी दिखाती है कि जेएमआई में अच्छे शिक्षक और संसाधन होने से छात्र दुनिया भर में मौके पा रहे हैं।