हरियाणा में लगातार बारिश के कारण राज्य के गांवों में 24 हजार एकड़ जमीन पर जलभराव के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं किसानों को इसका आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। और इसके आलावा। लगातार कई वर्षों से खेत बिजाई से वंचित होने के की वजह से क्षेत्र के किसान भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं और इतना ही नहीं बल्कि पानी नहीं होने के कारण जमीन बंजर होने के कगार पर पहुंच गई है और इसक कृषि विभाग ने आंकलन का सर्वे करवाते हुए रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है।
जलभराव को लेकर परेशान किसानों ने बताया कि फसलों में पानी निकासी को कोई प्रबंध नहीं है जिसके कारण फसलें नष्ट होने की कगार पर आ गई हैं और ऐसे मे मजबूर किसान अपनी फसलों को बजाने मे बेबस हैं पानी की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान कपास की फसल में सबसे ज्यादा नुकसान, ज्वार व अन्य फसलों का भी 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने बारिश से नष्ट हुई फसलों पर नजर रखे हुए है कुछ दिन पहले उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये आदेश दिया था कि बाढ़ से होने वाले मृतकों के परिवार के सदस्यों के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाए और आगे कहा, किसान की नुकसान फसलों का मुआवजा आकलन पूरा होने के बाद ही दिया जायेगा और जहां पर 100 प्रतिशत फसलों की नुकसान होने की रिपोर्ट आएगी।
वहां पर जल्दी किसानों को मुआवजा दिया जायेगा जिसकी राशि 15 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा की राशि होगी फसलों के नुकसान का मुआवजा आकलन पूरा होने के बाद दिया जाएगा। जहां सौ प्रतिशत फसलों के नुकसान की रिपोर्ट आएगी, वहां तुरंत किसानों के खातों में 15 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने का भी ऐलान किया गया है दिया जाएगा।
इतना ही नहीं बल्कि हरियाणा में करीब दो दर्जनों गांव में पिछले 4-5 सालो से जलभराव की समस्या रही है हर बार स्थानीय प्रशासन व सिंचाई विभाग द्वारा निकासी कार्य कर लिया जाता था और आपको बता दें कि गांव भागवी, स्वरूपगढ़ बिगोवा, इमलोटा, मोरवाला, लोहरवाड़ा, सांतौर और अन्य गांव सहित पिछले दिनों की भारी बारिश के कारण हजारों एकड़ खेती जलभराव में डूबी हुई है हालांकि कृषि विभाग द्वारा जलभराव की रिपोर्ट तैयार करवाई है जिसमें ये बतया गया है कि 24 हजार 500 एकड़ बारिश के पानी से फसलों में नुकसान का आंकलन किया गया है।