India

शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, संविधान, और सौहार्द पर और सघन कार्य करेगी आशा ट्रस्ट: डॉ मोहम्मद आरिफ

Spread the love

सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट का तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन रविवार को सम्पन्न हो गया. देश के कई राज्यों से जुटे प्रतिनिधियों ने सम्मेलन के दौरान अपने यह किये जा रहे सामाजिक बदलाव के प्रयासों की प्रस्तुति की और आगामी कार्ययोजना पर भी चर्चा की. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर समझ विकसित करने के लिए और आपसी प्रेम और सौहार्द्र को बढ़ाने के लिए सांझी विरासत की परम्परा को और विकसित करने के लिए व्याख्यान भी आयोजित किया गया.

यह भी पढ़ें: Women Premier League Auction: दिल्ली कैपिटल्स ने कश्मीरी क्रिकेटर जसिया अख्तर को 20 लाख रुपए में खरीदा।


प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय ईंट भट्ठे पर कार्यरत प्रवासी मजदूरों के बच्चों के की शिक्षा के लिए संस्था द्वारा संचालित शिक्षण केंद्र और संविलियन विद्यालय भंदहां कला में आशा द्वारा संचालित विज्ञान प्रयोगशाला, खेल पिटारा, बाल पुस्तकालय, हमारे आदर्श पोस्टर आदि प्रयासों का अवलोकन किया.

अंतिम दिन के प्रथम सत्र में बोलते हुए वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक और इतिहासकार डॉ मोहम्मद आरिफ कहा कि आपसी मेल जोल व प्रेम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा. भारत हजारों साल से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है. सदियों से लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारा के साथ रहते आये हैं. हमारे महापुरुषों की आईडिया ऑफ इंडिया की जो परिकल्पना थी उसमें स्वतंत्रता, समता, बंधुता और न्याय हो. हम बुद्ध, कबीर, रैदास, गोरख नाथ, स्वामी विवेकानंद, गांधी, नेहरू अंबेडकर, भगत सिंह आदि को पढ़ेंगे व जानेंगे तभी मेल जोल और साझी संस्कृति को आगे बढ़ा सकेंगें. आजादी का पूरा आंदोलन इसी मेलजोल का नतीजा था.

यह भी पढ़ें: पिता चौराहों पर डाटा केबल, ईयरफोन बेचकर चलाते हैं परिवार का खर्च, बेटी ने जीते तीन गोल्ड मेडल

समापन सत्र में सभी प्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि समाज में बहुमुखी विकास और खुशहाली के लिए आशा ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, संविधान और सौहार्द पर अपने प्रयास और सघन करेगी तथा हम सुदूर इलाकों में अपनी पहुँच बढाने की दिशा में काम करेंगे. अगला सम्मेलन अगले वर्ष फरवरी में मणिपुर के उखनूर जिले में आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया. अध्यक्ष संस्था के सचिव विजय भाई, संचालन वल्लभाचार्य पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन अरविन्द मूर्ति ने किया. इस अवसर पर वाराणसी और आसपास जिलों के सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी उपस्थिति उल्लेखनीय रही.

Related Posts

1 of 14

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *