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एएमयू की पूर्व छात्रा सबा इशरत का ऑक्सफोर्ड में बड़ा शोध: भांग और मस्तिष्क पर नया खुलासा।

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की पूर्व छात्रा सबा इशरत (Saba Ishrat) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक प्रभावशाली शोध का नेतृत्व किया है, जिसमें वृद्ध व्यक्तियों के मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली पर भांग (कैनबिस) के प्रभाव का अध्ययन किया गया। इस शोध ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है और इसे प्रतिष्ठित BMJ Mental Health जर्नल सहित कई प्रमुख मीडिया मंचों पर प्रकाशित किया गया है। यह शोध न केवल वैज्ञानिक जगत में नई रोशनी डालता है, बल्कि सार्वजनिक नीति निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सबा इशरत की शैक्षिक पृष्ठभूमि

सबा इशरत ने ऑक्सफोर्ड में अपने डीफिल (डॉक्टरेट) से पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रेंटो से कॉग्निटिव न्यूरोसाइंस में दूसरा मास्टर्स पूरा किया।

उनकी इस उपलब्धि पर एएमयू (AMU) के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शाह आलम और सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर शफे किदवई ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबा का यह शोध विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशाएं खोलता है और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।

शोध के मुख्य बिंदु

सबा इशरत के नेतृत्व में टीम ने भांग के उपयोग और वृद्धावस्था में मस्तिष्क की संरचना एवं कार्यप्रणाली के संबंध में अब तक का सबसे बड़ा अवलोकनात्मक विश्लेषण किया।

  • यह शोध पहली बार आनुवंशिक डेटा का उपयोग कर यह जानने का प्रयास करता है कि क्या इन प्रभावों का कारण भांग है।
  • अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक भांग के उपयोग से मस्तिष्क के व्हाइट मैटर (सफेद पदार्थ) की संरचनात्मक गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और मस्तिष्क के कुछ हिस्सों की फंक्शनल कनेक्टिविटी कमजोर होती है।
  • हालांकि, आनुवंशिक विश्लेषण से यह सिद्ध नहीं हुआ कि इन प्रभावों का सीधा कारण भांग का उपयोग है।

क्यों है यह शोध महत्वपूर्ण?

दुनिया भर में भांग का उपयोग बढ़ रहा है, खासकर इसके औषधीय और मनोरंजनात्मक उपयोग को वैधता मिलने के बाद। लेकिन, वृद्धावस्था में इसके मस्तिष्क पर प्रभाव को लेकर अब तक बहुत कम शोध हुआ है। सबा का यह शोध इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।

सबा इशरत की अन्य उपलब्धियां

ऑक्सफोर्ड में अपनी पढ़ाई के साथ-साथ सबा:

  • सेंट क्रॉस कॉलेज में जूनियर डीन हैं।
  • सेंट एडमंड हॉल के सेंटर फॉर द क्रिएटिव ब्रेन की समिति सदस्य हैं।
  • सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ एडिक्शन की छात्र सहयोगी हैं।

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