सीतामढ़ी। महिला सुरक्षा की पहली चौकी मानी जाने वाली महिला थाना की कलई तब खुली, जब सीतामढ़ी एसपी अमित रंजन ने बीती रात अचानक छापेमारी की। नज़ारा चौंकाने वाला था, थाने का पूरा स्टाफ गहरी नींद में, और ओ०डी० ड्यूटी पर तैनात सहायक अवर निरीक्षक रंजु कुमारी थाना से गायब! एसपी अमित रंजन ने मौके पर ही कड़ा फैसला लेते हुए रंजु कुमारी को तत्काल निलंबित कर दिया। इस दौरान महिला थानाध्यक्ष श्वेता स्वराज भी जब हड़बड़ाकर थाने पहुँचीं, तो घबराहट इतनी थी कि वर्दी तक पहनना भूल गईं।
यह घटना न सिर्फ थाने की कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े करती है, बल्कि जिम्मेदारियों के प्रति अक्षम नेतृत्व की भी पोल खोलती है। एसपी ने थानाध्यक्ष को कर्तव्यहीनता, नियंत्रणहीनता और लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। यह कोई सामान्य भूल नहीं, बल्कि महिला सुरक्षा जैसे गंभीर विषय को लेकर अंदरखाने पसरी निष्क्रियता और गैरजवाबदेही का जीता-जागता प्रमाण है।
सोचिए, अगर इसी रात कोई पीड़िता फरियाद लेकर पहुँचती तो? उसकी चीखें कौन सुनता? एसपी अमित रंजन की यह कार्रवाई केवल औचक निरीक्षण नहीं, बल्कि थाना व्यवस्था में जमी जड़ता पर एक सर्जिकल स्ट्राइक है। यह स्पष्ट संदेश है कि अब पुलिस थानों में सुस्ती, अनदेखी और जिम्मेदारी से भागना हरगिज़ नहीं चलेगा। जनता देख रही है और इस बार कप्तान ने दिखा दिया है कि वे पद नहीं, सेवा और सिस्टम की सच्ची निगरानी कर रहे हैं।