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हिमाचल प्रदेश में मुस्लिम फेरीवाले पर हमला, भीड़ ने धमकाया और मुर्गा बनने पर मजबूर किया।

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हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी शिमला स्थित धामी इलाके में एक मुस्लिम फेरीवाले को भीड़ ने बेरहमी से पीटा और उसे मुर्गा बनाकर अपमानित किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिससे यह मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, यह घटना लगभग एक हफ्ते पहले हुई थी, जब शाहवेज खान नाम के युवक को, जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है, इलाके में काम करने के दौरान पांच लोगों ने घेर लिया।

“तलवार लाओ, मैं इसे आज खत्म कर दूंगा”

शाहवेज खान अपने सामान के साथ बाइक चला रहा था, जब पांच लोगों ने उसे घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। वायरल वीडियो में एक शख्स शाहवेज के चेहरे पर कई थप्पड़ मारते हुए दिखाई देता है और उसे इलाके को न छोड़ने की धमकी देता है। वीडियो में एक अन्य शख्स कहता है, “हमने तुम्हें लात मारी थी, फिर तुम यहां क्यों आए?” इसके बाद भीड़ ने शाहवेज को अपमानित करते हुए सड़क पर ‘मुर्गा’ बनने पर मजबूर किया।

इस घटना में एक बदमाश ने तलवार लाने की धमकी भी दी और शाहवेज को जान से मारने की बात कही। शाहवेज, जो इस घटना से डरा हुआ था, विनम्रता से उनसे उसे छोड़ने की गुहार लगाता रहा।

आरोपियों की पहचान और कानूनी कार्रवाई

स्थानीय पुलिस के अनुसार, इस हमले में शामिल बदमाशों की पहचान संजीव कुमार, विशाल, आदर्श, हरिकृष्ण, और हरीश वर्मा के रूप में हुई है। ये सभी दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

धार्मिक पहचान पर आधार कार्ड का दुरुपयोग

घटना के दौरान भीड़ ने शाहवेज से उसका आधार कार्ड भी मांगा ताकि उसकी धार्मिक पहचान की पुष्टि की जा सके। रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मुस्लिम प्रवासी मजदूरों को अक्सर उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया जाता है और उनसे उनके दस्तावेजों की मांग की जाती है।

प्रदेश में बढ़ती साम्प्रदायिकता और विरोध प्रदर्शन

सितंबर 2024 में हमीरपुर जिले में एक बड़े साम्प्रदायिक प्रदर्शन के बाद से राज्य में मुस्लिमों के खिलाफ हमले बढ़े हैं। इस प्रदर्शन का नेतृत्व देव भूमि संघर्ष समिति ने किया, जो विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जैसे संगठनों द्वारा समर्थित है। इस प्रदर्शन में मस्जिदों और प्रवासी मजदूरों का विरोध किया गया, जिसमें वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग भी उठाई गई।

हिमाचल प्रदेश में हालिया घटनाएं बताती हैं कि मुस्लिम फेरीवाले और मजदूरों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है, जिससे उनके लिए काम करना और जीवन यापन करना बेहद कठिन होता जा रहा है।

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