नई दिल्ली: चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिकों की हर तरफ जय-जयकार हो रही है। पूरा देश जश्न मना रहा है। बरेली के नवाब अहमद ने भी चंद्रयान-3 का डिजाइन बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
सेंथल क्षेत्र के गांव रसूला तालिब हुसैन निवासी नवाब अहमद इसरो के प्रमुख केंद्र यूआर राव उपग्रह केंद्र में अंतरिक्ष यान के डिजाइन, मॉडलिंग और तकनीकी कंप्यूटिंग सेवाओं के प्रमुख हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ इसरो के लीड सेंटर में काम किया। जहां पर चंद्रयान-3 को डिजाइन, विकसित और एकीकृत किया गया था। बुधवार देर शाम चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद फोन पर उन्होंने बताया कि पूरे देश के लिए यह गर्व की बात है कि अब हम चांद पर पहुंच गए हैं। इसमें पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की है। उधर, वैज्ञानिक नवाब अहमद के घर पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। तमाम लोगों ने वैज्ञानिक के परिवार के लोगों को बधाई दी है।
किसान पिता ने बेटे को बनाया वैज्ञानिक
रसूला तालिब हुसैन निवासी वैज्ञानिक नवाब अहमद के पिता वकील अहमद किसान थे। उन्होंने खेती कर बच्चों को पढ़ाकर काबिल बनाया। नवाब अहमद ने हाईस्कूल आजाद नौरंग इंटर कॉलेज और इंटर मनोहर भूषण कालेज से किया। बीटेक रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से करने के बाद एमटेक बेंगलुरू से किया। वह एक साल पहले भाई आफताब आलम की शादी में घर आए थे। उनकी पत्नी हुमा नाज इंजीनियर हैं।