भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाले क्षेत्र में स्थित आतंकी ठिकानों पर बीती रात एक साहसिक सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) को अंजाम दिया। यह कार्रवाई पहलगाम में 15 दिन पहले हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया गया। इस ऑपरेशन को पहलगाम हमले के पीड़ितों के प्रति न्याय की घड़ी बताते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में सेना की इस सफलता का विवरण साझा किया।
सैन्य सेवा और उपलब्धियाँ
कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofiya Qureshi) भारतीय सेना के सिग्नल कोर की अधिकारी हैं और उनका करियर महिलाओं के लिए मिसाल कायम करने वाला रहा है। वर्ष 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने देश के विविध क्षेत्रों में सेवा की, जिसमें उग्रवाद-रोधी अभियान भी शामिल हैं। 2006 में, उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भाग लेकर युद्धविराम निगरानी और मानवीय सहायता में अहम भूमिका निभाई।
व्यक्तिगत पृष्ठभूमि और शिक्षा
गुजरात की मूल निवासी सोफिया कुरैशी (Sofiya Qureshi) एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके दादा और पिता दोनों ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ दीं। उन्होंने बायोकैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है और सेना के मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में तैनात मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से विवाह किया है। इस दंपति का एक नौ वर्षीय बेटा भी है।
एक प्रतीक के रूप में सोफिया कुरैशी
सोफिया का सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत, बल्कि सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतिबिंब है। उनकी कहानी युवाओं, खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो राष्ट्र सेवा और सैन्य जीवन को अपनाना चाहती हैं। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय सेना में योग्यता और समर्पण ही सर्वोपरि हैं।