हमीरपुर, उत्तर प्रदेश: हमीरपुर ज़िले के मौदाहा इलाके में एक दलित परिवार के घर में आयोजित ‘उर्स’ कार्यक्रम को लेकर विवाद गहराया, जिसके बाद पुलिस ने पांच मुस्लिम व्यक्तियों को ‘अवैध धर्मांतरण’ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला?
दलित परिवार की महिला उर्मिला और उनके पति अजीत वर्मा ने अपने घर में एक मजार बनवाई थी। उनका मानना था कि इससे उर्मिला की बीमारियां ठीक हो जाएंगी और उनके परिवार की परेशानियां खत्म हो जाएंगी। आरोप है कि यह मजार बनाने का सुझाव नूरुद्दीन नाम के व्यक्ति ने दिया था।
10 जनवरी की रात, जब यह परिवार अपने घर पर ‘उर्स’ का आयोजन कर रहा था, तब हिंदुत्व संगठन बजरंग दल के सदस्यों ने इस कार्यक्रम को बाधित किया और पुलिस को सूचना दी।
बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक आशीष सिंह ने स्थानीय मीडिया को बताया, ‘रात 2:30 बजे जब हम वहां पहुंचे, तो मजार पर चादरपोशी हो रही थी। मौलाना भाषण दे रहे थे। आरोप है कि दलित परिवार को पैसे और इलाज का वादा करके इस्लाम में परिवर्तित करने की कोशिश की जा रही थी।’
पुलिस कार्रवाई और आरोप
पुलिस ने इस मामले में नूरुद्दीन (55), मेराज हसन (32), खालिक (42), इरफान (46) और मोहम्मद हनीफ (52) को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3 और 5 (1) और आपराधिक धमकी देने के आरोप लगाए गए।
एफआईआर के मुताबिक, उर्मिला ने दावा किया कि नूरुद्दीन और उनके सहयोगियों ने मजार बनाने और उर्स करने का सुझाव दिया था। उन्होंने परिवार को इस्लाम धर्म अपनाने पर पैसे और उच्च जाति में गिने जाने का प्रलोभन भी दिया।
उर्मिला का बयान
उर्मिला ने कहा, ‘नूरुद्दीन ने मजार बनाने और उर्स करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि इससे मेरी बीमारियां ठीक हो जाएंगी। कुछ समय के लिए हम धर्म परिवर्तन के बारे में सोचने लगे, लेकिन बाद में एहसास हुआ कि हम गुमराह हो रहे हैं। इसलिए हमने अपना धर्म नहीं बदला।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं हिंदू हूं और हिंदू ही रहूंगी। मैं मुसलमानों की तरह पूजा नहीं कर सकती।’
उर्मिला और उनके पति ने स्थानीय मीडिया के सामने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस्लाम धर्म नहीं अपनाया है।
पुलिस का बयान
हमीरपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि ‘अवैध धर्म परिवर्तन’ की सूचना मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई की। मामले की जांच जारी है।’
समाज में तनाव का माहौल
इस घटना ने हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। बजरंग दल जैसे संगठनों द्वारा लगाए गए आरोपों और पुलिस की कार्रवाई ने पूरे इलाके में चर्चा को जन्म दिया है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोनों पक्षों के आरोपों की सत्यता से ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।