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फरीदाबाद: पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ मुस्लिम समुदाय का जोरदार प्रदर्शन, कहा – “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं”

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। खास बात यह है कि इस हमले के खिलाफ केवल हिंदू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय के भीतर भी गहरी नाराज़गी देखने को मिली है। शुक्रवार को जुमा की नमाज़ के बाद फरीदाबाद समेत देश के कई हिस्सों में मुस्लिम युवाओं ने आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ आवाज़ बुलंद की।

मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन

फरीदाबाद में मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के युवाओं ने नमाज़ के बाद एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान का पुतला भी फूंका और आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।

कड़ी कार्रवाई की उठाई मांग

प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए और हमले में शामिल आतंकियों को सख़्त सज़ा दी जाए। साथ ही, इस हमले के लिए पाकिस्तान को भी कड़ा जवाब देने की मांग की गई।

“आतंकवाद इस्लाम के खिलाफ है”: यासिर यूनुस अहमद

सोसाइटी के यूथ अध्यक्ष यासिर यूनुस अहमद ने कहा, “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। जो निर्दोषों की जान लेते हैं, वे इंसानियत और इस्लाम दोनों के दुश्मन हैं। हम इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दी जाए।”

प्रदर्शन में शामिल रहे कई सामाजिक कार्यकर्ता

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मुस्लिम युवक शामिल हुए। मौलाना शहाबुद्दीन, हाजी हनीफ़ अहमद, आमिर खान, आफ़ताब क़ुरैशी, जुबैर कुरैशी, जावेद मलिक, आमिर मलिक, यामिन मलिक और सद्दाम सिद्दीकी समेत कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश

प्रदर्शन के दौरान “आतंकवाद मुर्दाबाद”, “पाकिस्तान होश में आओ”, “शांति चाहिए, हिंसा नहीं” जैसे नारे गूंजते रहे। युवाओं ने कहा कि भारत का मुसलमान अमन, भाईचारे और इंसानियत का समर्थक है। कुछ भटके हुए तत्व इस्लाम को बदनाम करने की साजिश रचते हैं, लेकिन उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए।

एकजुट भारत की तस्वीर

फरीदाबाद का यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि भारत में धर्म से ऊपर उठकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिख रही है। यह विरोध सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी है — कि भारत का हर नागरिक देश की एकता और अखंडता के लिए तैयार है।

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