नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की सख्त प्रतिक्रिया के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने स्वीकार किया है कि उनके देश ने अतीत में पश्चिमी देशों के लिए आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और फंडिंग मुहैया कराई थी। उन्होंने इसे ‘गंदा काम’ करार देते हुए कहा कि यह एक बड़ी गलती थी, जिसकी कीमत पाकिस्तान ने खुद चुकाई है।
‘हमने ग़लतियां कीं, सजा भी भुगती’
स्काई न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में पत्रकार याल्दा हकीम के सवालों का जवाब देते हुए आसिफ ने कहा, “हां, हमने लगभग तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों, जिनमें ब्रिटेन भी शामिल है, के लिए यह गंदा काम किया।” उन्होंने माना कि सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और 9/11 के बाद की लड़ाई में शामिल होना पाकिस्तान के लिए एक भारी भूल थी।
आसिफ ने कहा कि बड़ी ताकतें अक्सर इस क्षेत्र में हर समस्या के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराती हैं। “80 के दशक में जब हम सोवियत संघ के खिलाफ लड़ रहे थे, तब आज के आतंकवादी वाशिंगटन में दावतों में शामिल होते थे,” उन्होंने जोड़ा। आसिफ ने स्वीकार किया कि उस समय पाकिस्तान को ‘प्रॉक्सी’ के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
लश्कर-ए-तैयबा को लेकर दी सफाई
इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जो प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है, तो आसिफ ने दावा किया कि “लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में मौजूद नहीं है। मूल संगठन का ही अगर अस्तित्व नहीं है, तो उसकी शाखा कैसे हो सकती है?”
‘भारत अगर हमला करेगा तो प्रतिक्रिया देंगे’
मंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या पाकिस्तान को हालात बिगड़ने का डर है। इस पर आसिफ ने कहा कि उनका देश “जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पूर्ण युद्ध जैसी स्थिति बनी तो यह पूरे क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित होगा। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता।
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की
पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है और कहा है कि वह जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने को तैयार है। ख्वाजा आसिफ ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं।”
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा
हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जबकि पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। आसिफ ने आरोप लगाया कि भारत ने “बिना किसी सबूत” के पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए यह कदम उठाए हैं और “घरेलू राजनीतिक लाभ” के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया है।